![रिजिजू ने सेवानिवृत्त जज का समर्थन किया, जिन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान को ‘हाईजैक’ कर लिया है](https://thewirehindi.com/wp-content/uploads/2022/11/Rijiju-Supreme-Court.jpg)
रिजिजू ने सेवानिवृत्त जज का समर्थन किया, जिन्होंने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने संविधान को ‘हाईजैक’ कर लिया है
The Wire
कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश जस्टिस आर एस सोढ़ी के विचारों का समर्थन करने की कोशिश की, जिन्होंने कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने खुद न्यायाधीशों की नियुक्ति का फैसला कर संविधान का अपहरण किया है.
नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने रविवार को हाईकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश के विचारों का समर्थन करने की कोशिश की, जिन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने खुद न्यायाधीशों की नियुक्ति का फैसला कर संविधान का ‘अपहरण’ (Hijack) किया है. Actually majority of the people have similar sane views. It's only those people who disregard the provisions of the Constitution and mandate of the people think that they are above the Constitution of India. All the three organs of our State i.e Legislature, Executive and Judiciary must work together in the larger interest of the nation. Chief Justice of India describes the Basic Structure of the Constitution as the North Star, a guide
हालिया समय में उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया को लेकर सरकार और न्यायपालिका के बीच टकराव बढ़ा है. रिजिजू ने दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आरएस सोढ़ी (सेवानिवृत्त) के एक साक्षात्कार का वीडियो साझा करते हुए कहा कि यह एक न्यायाधीश की आवाज है और अधिकांश लोगों के इसी तरह के समझदारीपूर्ण विचार हैं. — Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 22, 2023 — Kiren Rijiju (@KirenRijiju) January 22, 2023 By that standard Constitutional authorities are comets
जस्टिस सोढ़ी ने कहा है कि कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है. Comets move about the sun. They should not leave their orbit and aim to collide with the North Star
कानून मंत्री ने यह भी कहा, ‘वास्तव में अधिकांश लोगों के इसी तरह के समझदारीपूर्ण विचार हैं. केवल कुछ लोग हैं, जो संविधान के प्रावधानों और जनादेश की अवहेलना करते हैं और उन्हें लगता है कि वे भारत के संविधान से ऊपर हैं.’ — P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 22, 2023