
राहुल गांधी,PK,अश्विनी वैष्णव भी टारगेट लिस्ट में, पेगासस प्रोजेक्ट के नए खुलासे
The Quint
pegasus project: पेगासस प्रोजेक्ट में अब तक के सबसे बड़े नाम सामने आ चुके हैं. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को भी संभावित सर्विलांस टारगेट लिस्ट में दो बार डाला गया था, rahul gandhi too selected twice for possible surveillance by pegasus
पेगासस प्रोजेक्ट (Pegasus Project) में अब तक के सबसे बड़े नाम सामने आ चुके हैं. देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को भी संभावित सर्विलांस टारगेट लिस्ट में दो बार डाला गया था. द गार्डियन की खबर के मुताबिक, गांधी के दो नंबरों को संभावित सर्विलांस के लिए चुना गया था. पेगासस जासूसी की टारगेट लिस्ट में राहुल गांधी के अलावा राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishor), पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी, चुनाव आयोग के पूर्व अधिकारी अशोक लवासा और वायरोलॉजिस्ट गगनदीप कांग का भी नाम है. चौंकाने वाले नाम हैं मोदी सरकार के दो कैबिनेट मंत्रियों के- अश्वनी वैष्णव और प्रह्लाद सिंह.गार्डियन की खबर कहती है कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले और उसके कुछ महीनों बाद ही राहुल गांधी के दो नंबर इस लिस्ट में डाले गए थे. इसके अलावा गांधी के कम से कम पांच करीबी दोस्त और कांग्रेस के कई नेताओं के फोन भी संभावित टारगेट के लिए चुने गए थे.हालांकि, लिस्ट में नाम होने का मतलब ये नहीं कि फोन सच में हैक हुआ था. इसके लिए फॉरेंसिक एनालिसिस की जरूरत है, जो कि गांधी के फोन पर नहीं हो पाया. गार्डियन ने बताया है कि राहुल अपने फोन हर कुछ महीनों में बदलते हैं.ADVERTISEMENTये लोकतंत्र पर हमला है: राहुल गांधीराहुल गांधी ने गार्डियन से कहा है कि चाहें मेरी या किसी भी विपक्षी नेता की इस तरह की टार्गेटेड सर्विलांस 'अवैध और खेदजनक' है."अगर आपकी जानकारी सही है और जिस तरह की सर्विलांस का स्तर बताया गया है, वो लोगों की निजता पर हमले के परे है. ये लोकतांत्रिक बुनियाद पर हमला है. इसकी ठीक से जांच होनी चाहिए और जिम्मेदार लोगों की पहचान करके सजा दी जानी चाहिए."राहुल गांधीADVERTISEMENTप्रशांत किशोर के फोन हैक की पुष्टिराहुल गांधी के फोन की फॉरेंसिक एनालिसिस नहीं हो पाई है, लेकिन प्रशांत किशोर के साथ ऐसा नहीं था. गार्डियन ने बताया कि 14 जुलाई को किशोर के फोन की एनालिसिस हुई और पुष्टि हुई कि उसे पेगासस से हैक किया गया है. एमनेस्टी सिक्योरिटी लैब के एग्जामिनेशन में पाया गया कि फोन में पेगासस के अप्रैल में होने के सबूत भी मिले हैं. ये पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बीच का समय था. मतलब कि किशोर के फोन कॉल, ईमेल और मेसेज चुनाव के दौरा...More Related News