राहुल गांधी पर CM हिमंता के बयान से बढ़ा सियासी तापमान, कांग्रेस बोली- मोदी जी की निष्ठा पाने के लिए गाली देना जरूरी
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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा उत्तराखंड में बीजेपी उम्मीदवारों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी को लेकर कहा कि वे सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाते हैं, लेकिन क्या हमने कभी प्रूफ मांगा कि आप राजीव गांधी के बेटे हैं या नहीं'?
5 राज्यों में चुनावी जंग के बीच असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा के बयान पर उत्तराखंड से दिल्ली और दिल्ली से गुवाहाटी तक घमासान मच गया है. हिमंता बिस्वा सरमा ने उत्तराखंड में प्रचार करते वक्त राहुल गांधी को लेकर कुछ ऐसा कहा कि कांग्रेस पूरी ताकत के साथ सीएम हिमंता पर हमलावर हो गई. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यहां तक कह दिया कि हिमंता ने मानसिक संतुलन खो दिया है. वहीं असम कांग्रेस ने कहा है कि आज सीएम हिमंता ने राज्य की संस्कृति और प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिला दिया है. आइए जानते हैं कि आखिर ये पूरा विवाद क्या है? It’s a misfortune that Congress always humiliates the country by questioning its achievements.The party insulted son of Uttarakhand&1st ever CDS late Gen Bipin Rawat by questioning Indian Army’s surgical strike & the country by questioning efficacy of #MadeInIndia Covid vaccine. pic.twitter.com/mvsTXXydRW हार सामने देख असम के (कांग्रेस के भगोड़े) मुख्यमंत्री ने मानसिक संतुलन खो कर राजनीतिक दिवालियेपन की सब हदें पार कर ली। अब मोदी जी की निष्ठा प्राप्त करने के लिए अपनी पुरानी पार्टी को गाली देना ज़रूरी है। ये हेमंता सरमा के छिछोरेपन व घटिया सोच का सबूत है।https://t.co/nSaa2uieE7
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हम लगेज पॉलिसी लेकर आए हैं, जब भी हम कुछ लागू करते हैं, तो हमें सुझाव मिलते हैं, जनता की मांग थी कि दूध और सब्जी का उत्पादन करने वाले या सप्लाई करने वाले किसानों को हमारी बसों में रियायत दी जाए, हमने उनकी मांग को स्वीकार किया और दूध और सब्जी सप्लायरों के लिए टिकट हटा दिए हैं.
मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एहतियाती उपायों की समीक्षा के लिए सचिवालय में हाईलेवल बैठक बुलाई. इस दौरान भारी बारिश की संभावना वाले क्षेत्रों में NDRF और SDRF की टीमों को तैनात करने का निर्देश दिया. कुल 17 टीमों को तैनात किया गया है, इसमें चेन्नई, तिरुवरुर, मयिलादुथुराई, नागपट्टिनम और कुड्डालोर और तंजावुर जिले शामिल हैं.
हिंदू संगठन 'बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोते' एक बयान में कहा कि वकील सैफुल इस्लाम की हत्या में कोई सनातनी शामिल नहीं है. एक समूह सुनियोजित हत्या को अंजाम देकर सनातनियों पर दोष मढ़ने की कोशिश की जा रही है. हिंदू संगठन ने चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की तत्काल बिना शर्त रिहाई और चिटगांव हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की है.
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