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राहुल गांधी को वायनाड से हराने में जुटा लेफ्ट, यहां क्यों बुरी तरह घिर गई है कांग्रेस
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इस बार के लोकसभा चुनावों में सीपीआई ने शुरू से ही कांग्रेस को केरल में एंटी मुस्लिम बनाकर पेश किया है. राहुल गांधी की मुश्किल ये है कि इस बार बीजेपी ने बहुत तगड़ा उम्मीदवार खड़ा कर दिया है. इस तरह इस बार हिंदू और मुस्लि्म वोट दोनों बंट रहे हैं. यही कारण है कि एनी राजा की स्थिति लगातार मजबूत हो रही है.
वायनाड का चुनावी गणित कांग्रेस नेता राहुल गांधी के लिए एक सिक्योर सीट बनाता है. शायद यही कारण है कि इस बार के लोकसभा चुनावों में उन्होंने अमेठी को छोड़कर वायनाड पर भरोसा जताया. पर इंडिया गठबंधन में शामिल सीपीआई ने उनके खिलाफ एक मजबूत उम्मीदवार उतारकर राहुल के संसद पहुंचने के मार्ग में रोड़े बिछा दिए हैं. यही नहीं बीजेपी की ओर से भी वायनाड के लिए दमदार प्रत्याशी उतारा गया है. सीपीआई महासचिव डी राजा की पत्नी एनी राजा वायनाड से उम्मीदवार हैं, वे सीपीआई की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की सदस्य हैं. तो बीजेपी के उम्मीदवार प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन हैं. मतलब साफ है कि दोनों ही पार्टियां वायनाड को ये मानकर चल रही हैं कि उन्हें सीट निकालनी हैं. वर्ना आमतौर पर मजबूत प्रत्याशियों के खिलाफ विरोधी पार्टियां ऐसे उम्मीदवार खड़ी करती है जो केवल नाम के होते हैं. वायनाड में राहुल गांधी का मुकाबला सिर्फ मजबूत उम्मीदवारों से ही नहीं है. सीपीआई ने उन्हें कई मोर्चे पर घेर लिया है.यही कारण है कि राहुल गांधी के लिए वायनाड भी इस बार मुश्किल लग रहा है.
1-सीपीआई का दमदार उम्मीदवार
आम तौर पर यह समझा जा रहा था कि इंडिया गठबंधन में शामिल होने के चलते सीपीआई वायनाड से किसी हल्के प्रत्याशी को खड़ा करेगी. पर सीपीआई ने जिस तरह एनी राजा जैसी वरिष्ठ नेता को वायनाड से टिकट दिया है उससे यह लग गया था कि इस बार पार्टी वायनाड जीतने के मूड में है. प्रदेश के मुख्यमंत्री और सीपीआई के सबसे बड़े नेताओं में शुमार विजयन लगातार वायनाड का दौरा कर रहे हैं. यही नहीं वे लगातार कई मुद्दों पर राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमलावर भी हैं.
सीपीआई के महासचिव डी राजा की पत्नी और पार्टी नेता एनी राजा फिलहाल भारतीय राष्ट्रीय महिला फेडरेशन (NFIW) की महासचिव हैं. इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक एनी राजा कन्नूर के इरिट्टी की रहने वाली हैं और उनका जन्म वामपंथी पृष्ठभूमि वाले एक ईसाई परिवार में हुआ था.
एनी राजा ने स्कूल के दिनों में ही सीपीआई ऑल इंडिया स्टूडेंट फेडरेशन में सदस्य के रूप में जुड़ गई थीं. फिर वो 22 साल की उम्र में ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन में शामिल हो गईं.
2-सीएए पर राहुल की चुप्पी को लेफ्ट बना रहा मुद्दा
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