राहुल का एजेंडा, सोनिया की रेसिपी... बेंगलुरु में पक रही विपक्ष की सियासी खिचड़ी में कांग्रेस लगा रही अपना तड़का!
AajTak
विपक्षी एकजुटता को लेकर दूसरे दौर की बैठक बेंगलुरु में होनी है. बेंगलुरु की बैठक से पहले कांग्रेस एक्टिव मोड में आ गई है. सोनिया गांधी ने सभी दलों के नेताओं को डिनर पर बुलाया है तो वहीं पार्टी ने अध्यादेश के मुद्दे पर संसद में आम आदमी पार्टी का समर्थन करने का ऐलान भी कर दिया है.
नीतीश कुमार ने केंद्र की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद शुरू की थी. नीतीश ने अपनी इस पहल को परवान चढ़ाने के लिए पटना से दिल्ली और भुवनेश्वर-कोलकाता से चेन्नई तक एक कर दिया. महीनों तक चले मेल-मुलाकात के बाद पिछले महीने 23 जून को पटना में 15 दलों के नेता जुटे थे. सभी ने एकजुट होकर चुनाव लड़ने पर सहमति व्यक्त की और बातचीत अब दूसरे दौर में पहुंच चुकी है.
विपक्षी दलों के नेताओं की कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में 17-18 जुलाई को बैठक होनी है. बैठक से पहले आम आदमी पार्टी ने साफ कह दिया था कि दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश पर कांग्रेस अपना रुख साफ नहीं करती है तो हम बैठक में नहीं जाएंगे. केजरीवाल की प्रेशर पॉलिटिक्स काम आई और अब कांग्रेस ने ऐलान कर दिया है कि अध्यादेश के मुद्दे पर पार्टी संसद में आम आदमी पार्टी का समर्थन करेगी. अब ये तय हो गया है कि केजरीवाल बेंगलुरु की बैठक में जाएंगे.
पटना की पहली बैठक में जहां नीतीश और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव फ्रंटफुट पर थे. वहीं, अब दूसरी बैठक से पहले कांग्रेस ड्राइविंग सीट पर आ गई है. बेंगलुरु बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस कर रही है. बैठक कर्नाटक में हो रही है जहां कांग्रेस सत्ता में है. अध्यक्ष के नाते बैठक की भूमिका तैयार करने की जिम्मेदारी भी कांग्रेस की होगी. पटना की बैठक में नीतीश कुमार ने बैठक की भूमिका तैयार की थी. उसी तरह बेंगलुरु में राहुल गांधी बैठक का एजेंडा सेट कर सकते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने पटना की बैठक में बुलाए गए 16 दलों के साथ ही करीब 10 नए दलों के नेताओं को भी बेंगलुरु बैठक के लिए न्यौता भेजा है. बेंगलुरु की बैठक में गठबंधन का एक कॉमन एजेंडा तय करने पर चर्चा होनी है. गठबंधन के संयोजक से लेकर कोऑर्डिनेशन कमेटी के गठन तक, बेंगलुरु की बैठक में अहम फैसले हो सकते हैं.
बैठक से पहले कांग्रेस ने एक तरह से ये भी साफ कर दिया है कि उसका चेहरा राहुल गांधी ही हैं. तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन भी राहुल के समर्थन में हैं और कह दिया है कि वे देश की आशा हैं. गठबंधन के चेहरे को लेकर चर्चा के साथ ही राज्यों के आधार पर सीट बंटवारे की चर्चा भी बैठक के एजेंडे में है.
सोनिया की डिनर पॉलिटिक्स
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.