राहुल–अखिलेश की रैली का नजारा और बातचीत के वीडियो क्या बता रहे हैं?
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राहुल गांधी और अखिलेश यादव की रैली में कार्यकर्ताओं के बैरिकेडिंग तोड़ने का मामला काफी गंभीर लगता है. रैली में आकर हंगामा और उत्पात करने वाले क्या वास्तव में सपा कार्यकर्ता ही थे या असामाजिक तत्व? और समाजवादी पार्टी की रैलियों में ऐसा बार बार क्यों हो रहा है?
कोई नेता चुनावी रैली में पहुंचे और बगैर भाषण दिये लौट जाये, समझा तो यही जाएगा कुछ तो गड़बड़ है. अगर रैली में भीड़ न होने के चलते ऐसा हो तो बात अलग है, लेकिन भीड़ के उत्पात के कारण बैरंग लौट जाना पड़े तो बहुत गंभीर मामला समझा जाएगा - राहुल गांधी और अखिलेश यादव की फूलपुर रैली को लेकर तो यही ऐसा ही लग रहा है.
अब इससे अजीब बात क्या होगी कि रैली में आये लोगों को संबोधित करने के बजाय राहुल गांधी और अखिलेश यादव जैसे बड़े बड़े नेता बैठ कर आपस में बात करें और उसकी वीडियो बना कर बाद में जारी किया जाये.
और दोनों नेताओं के बीच जो बातचीत भी हो रही है, वो भी कोई ऐसी नहीं है जो किसी चुनावी रैली के हिसाब से हो. ये ठीक है कि वीडियो में दोनों नेता चुनाव घोषणा पत्रों की बात करते हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके निशाने पर होते हैं, लेकिन मंच पर बैठ कर राहुल गांधी, अखिलेश यादव से उनके पिता के बारे में पूछते हैं.
'आप मुझे अपने पिता जी के बारे में बताइए!'
'नेता जी और उनके साथ के लोग जमीनी राजनीति करते थे... नेता जी कुश्ती और पहलवानी के बड़े शौकीन थे... वो इसीलिए धरतीपुत्र कहे गये... क्योंकि वह जमीन की बात को समझते थे.'
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कजाकिस्तान में अजरबैजान एयरलाइंस का विमान पक्षी की टक्कर के बाद क्रैश हो गया, जिसमें 42 लोग मारे गए. विमान ने करीब एक घंटे तक लैंडिंग की कोशिश की लेकिन पायलट इसमें विफल रहे. इस बीच जीपीएस में गड़बड़ी की बात भी सामने आ रही है, लेकिन अभी स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है. खासकर ग्रोज्नी के पास जीपीएस जैमिंग का संदेह है.
अजरबैजान एयरलाइंस का एम्ब्रेयर E190AR विमान बाकू से रूस के चेचन्या जा रहा था. विमान में 67 लोग सवार थे, जिनमें से 42 लोगों की मौत हो गई. इस घटना में 25 लोग बचने में सफल रहे. स्थानीय अधिकारियों और घटनास्थल से प्राप्त वीडियो के मुताबिक, कैस्पियन सागर तट पर कजाकिस्तान के अक्तौ शहर के पास हुए विमान हादसे में पहले बचावकर्मियों की तत्परता से कई लोगों को बचा लिया गया.