राष्ट्रपति नहीं, ईरान में ये शख्स है सबसे ज्यादा पावरफुल, सारे फैसलों पर लगाते हैं आखिरी मुहर
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ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई है. उनके जाने से ईरान में एक राजनीतिक शून्य बना है जिसे भरना सुप्रीम लीडर खामेनेई के लिए एक बड़ी चुनौती होगी.
हेलिकॉप्टर क्रैश में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की मौत हो गई है. रईसी के हेलिकॉप्टर में विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियन, पूर्वी अजरबैजान प्रांत के गवर्नर मालेक रहमती समेत 9 लोग सवार थे जिसमें से कोई जिंदा नहीं बचा है. खराब मौसम के बीच पहाड़ियों में यह दुर्घटना रविवार को हुई लेकिन सोमवार को मलबा मिलने के बाद रईसी समेत हेलिकॉप्टर में सवार सभी लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. ईरान ने अपने राष्ट्रपति और विदेश मंत्री की मौत पर जारी आधिकारिक बयान में संवेदना जताते हुए कहा है कि इससे ईरान की शासन व्यवस्था पर कोई असर नहीं होगा, यह पहले की तरह ही चलती रहेगी.
एक्सपर्ट्स का भी कहना है कि मध्य-पूर्व में चल रहे तनाव के बीच रईसी की मौत से ईरान की शासन व्यवस्था पर ज्यादा असर नहीं होगा क्योंकि ईरान के सभी बड़े फैसले इस्लामिक देश के धर्मगुरु सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई लेते हैं.
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई
ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला खामेनेई देश के सर्वोच्च धार्मिक नेता हैं जो देश से जुड़े सभी मामलों पर अंतिम फैसला देते हैं. ईरान का सुप्रीम लीडर ही राष्ट्र प्रमुख होता है और 'कमांडर इन चीफ' भी होता है. सुप्रीम लीडर ही ईरान में सबसे ज्यादा ताकतवर होता है.
85 साल के खामेनेई 1989 में अपने पिता और इस्लामिक रिपब्लिक ईरान के संस्थापक अयातुल्ला रुहोल्लाह खामेनेई की मृत्यु के बाद ईरान के सर्वोच्च नेता बने थे. उसके बाद से ही खामेनेई की ईरान की राजनीति और सेना पर मजबूत पकड़ बनी हुई है और उन्होंने सत्ता के सामने आने वाली चुनौतियों को कुचलने के लिए कई बार हिंसा तक का सहारा लिया है.
दुनिया के सबसे ताकतवर शिया देश ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खामेनेई ने अमेरिका, इजरायल समेत विदेश मामलों पर बेहद सख्त रुख अपनाया है. उनके नेतृत्व में मध्य-पूर्व में ईरान का प्रभाव काफी बढ़ा है और यह अमेरिकी पाबंदियों के बावजूद क्षेत्र का मजबूत देश बनकर उभरा है.
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