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राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी के अफ़ग़ानिस्तान छोड़ने के आख़िरी घंटों में क्या हुआ था
BBC
अफ़ग़ानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी को अंदाज़ा नहीं था कि काबुल पर तालिबान का क़ब्ज़ा इतनी जल्दी हो जाएगा. तालिबान से बचकर कैसे वो देश छोड़ने में कामयाब हुए थे. आख़िरी चंद घंटों में राजभवन में क्या हुआ था.
तालिबान ने सत्ता खोने के 20 साल बाद अफ़ग़ानिस्तान में एक नई सरकार के गठन की घोषणा की है. शिक्षा, अंतरराष्ट्रीय निवेश और लोकतांत्रिक भविष्य की उम्मीद के साथ पली-बढ़ी पीढ़ी को तालिबान की ये घोषणा अविश्वसनीय लग सकती है. लेकिन ऐसे में सवाल ये उठता है कि राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी की सरकार इतनी जल्दी कैसे गिर गई? तालिबान को मुल्क के एक बड़े शहर पर अधिकार करने से काबुल की देहरी तक पहुंचने में केवल दस दिन लगे. ऐसा लगा जैसे काबुल में किसी को इसका अंदाज़ा नहीं था. अधिकांश विश्लेषक ये सोच रहे थे कि तालिबान तब तक काबुल पर नियंत्रण नहीं कर पाएगा जब तक कि बातचीत के ज़रिए कोई समझौता नहीं हो जाता. लेकिन 15 अगस्त रविवार को सब कुछ बदल गया. काबुल की दहलीज़ पर तालिबान के पहुंचने के कुछ ही घंटों के भीतर राष्ट्रपति अशरफ़ ग़नी और उनकी हुक़ूमत के अन्य आला अफ़सर मुल्क छोड़कर भाग गए. अफ़गान सेना और पुलिस के बचे लोगों ने अपनी वर्दी उतार दी और अंधेरे में साये की तरह ग़ायब हो गए.More Related News