राज्यसभा: शुक्रवार को 30 मिनट का ब्रेक खत्म, DMK MP बोले- ये समय नमाज के लिए था
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पहले लोकसभा में लंच ब्रेक के बाद सदन की कार्यवाही 2 बजे से और राज्यसभा में 2:30 बजे शुरू होती थी. राज्यसभा में 30 मिनट का अतिरिक्त ब्रेक मिलता था. अब लोकसभा और राज्यसभा दोनों ही सदनों में कार्यवाही का समय एक ही कर दिया गया है.
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने शुक्रवार को बताया कि लोकसभा के शेड्यूल के अनुरूप उच्च सदन में भी दोपहर के भोजन के बाद के सत्र का समय दोपहर 2.30 बजे से बदलकर 2 बजे कर दिया गया है. सुबह के सत्र में राज्यसभा में सूचीबद्ध कागजात पेश किए जाने के बाद, डीएमके सांसद तिरुचि शिवा ने दिन के कामकाजी कार्यक्रम में बदलाव की ओर इशारा किया और इसका कारण जानना चाहा.
तिरुचि शिवा ने कहा, 'परंपरा यह है कि शुक्रवार को दोपहर का सत्र 2.30 बजे बुलाया जाता है. लेकिन आज संशोधित कार्य सूची में यह समय दोपहर 2 बजे रखा गया है. जब इस तरह का निर्णय लिया गया, तो सदस्यों को इसकी जानकारी नहीं थी. हम जानना चाहेंगे कि ऐसा बदलाव क्यों हुआ?' इस पर सभापति ने कहा कि उन्होंने पिछले सत्र के दौरान ही समय बदल दिया था, क्योंकि लोकसभा में दोपहर का सत्र दो बजे शुरू होता है.
अब लोकसभा और राज्यसभा का एक ही टाइम टेबल
राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, 'यह आज के लिए नहीं किया जा रहा है. यह मेरे द्वारा पहले ही किया जा चुका है और इसका कारण बताया गया था. दोपहर के भोजन के बाद लोकसभा दोपहर 2 बजे बैठती है. लोकसभा और राज्यसभा को संसद का अभिन्न अंग होने के नाते यथासंभव एक ही समय का पालन करने की आवश्यकता है. इसलिए मेरे निर्देशानुसार इस सदन में भी दोपहर 2 बजे से कार्यवाही शुरू होती है. यह कोई आज शुरू नहीं हुआ है.'
'लोकसभा 2 बजे बैठती है, वहां भी अलग-अलग धर्मों के सदस्य'
इस बीच, द्रमुक के एक अन्य सदस्य एमएम अब्दुल्ला खड़े हुए और राज्यसभा चेयरमैन को बताया कि लंच के बाद के सत्र के लिए दोपहर 2.30 बजे का समय इसलिए रखा गया था ताकि मुस्लिम सदस्य शुक्रवार को नमाज अदा कर सकें. उनके बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, 'लोकसभा और राज्यसभा दोनों में समाज के सभी वर्गों के सदस्य हैं. लोकसभा दोपहर 2 बजे बैठती है. इसमें हर वर्ग के सदस्य हैं. उचित विचार-विमर्श के बाद मैंने ही इसे लागू किया था और सदन को अवगत करा दिया गया था. यह पिछले सत्र में ही लागू हुआ था.'
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