राज्यपाल आरिफ मोहम्मद को यूनिवर्सिटी चांसलर पद से हटाया, केरल सरकार ने बदले नियम
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केरल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को यूनिवर्सिटी के चांसलर पद से हटा दिया है. सरकार की तरफ से नियमों में संशोधन भी कर दिया गया है. हर कीमत पर आरिफ मोहम्मद खान को पद से हटाने की बात हो रही है. अभी तक राज्यपाल की तरफ से इस फैसले पर कोई प्रतिक्रिया नही दी गई है.
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को केरल कलामंडलम डीम्ड-टू-विश्वविद्यालय के चांसलर के पद से हटा दिया गया है. विजयन सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए केरल कलामंडलम डीम्ड विश्वविद्यालय के नियमों में संशोधन भी कर दिया है. अभी तक ये पद राज्य के राज्यपाल के पास रहा करता था. लेकिन नए नियमों के मुताबिक कला एवं संस्कृति क्षेत्र के किसी शख्स की इस पद पर नियुक्ति की जाएगी.
राज्य सरकार के फैसले से बढ़ा विवाद
राज्य सरकार की तरफ से भी ये फैसला उस समय लिया गया है जब विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर विवाद चल रहा है और राज्यपाल और सरकार के बीच में तनाव की स्थिति है. लेकिन अब उस तनाव के बीच विजयन सरकार का ये फैसला एक नए विवाद को जन्म दे सकता है. सरकार ने अपनी मंशा साफ कर दी है कि वो आरिफ मोहम्मद खान को अब केरल कलामंडलम डीम्ड-टू-विश्वविद्यालय के चांसलर के रूप में नहीं देख सकती है. केरल की शिक्षा मंत्री तो यहां तक कह चुकी हैं कि अगर आरिफ मोहम्मद खान इस आदेश को नहीं मानते हैं, उनकी तरफ से अध्यादेश पर हस्ताक्षर नहीं किए जाते हैं, उस स्थिति में राज्य सरकार विधेयक लेकर आ जाएगी.
कौन हो सकता है चांसलर?
नए नियम के मुताबिक यूनिवर्सिटी का चांसलर वो होगा जिसे स्पॉनसरिंग बॉडी नियुक्त करेगी. शर्त ये भी रख दी गई है कि कला एवं संस्कृति क्षेत्र से ही किसी को नियुक्त किया जाएगा. ये भी साफ कर दिया गया है कि एक चांसलर पांच साल तक अपने पद पर बना रह सकता है. उसे एक बार एक्सटेंशन भी दिया जा सकता है. लेकिन अगर किसी की उम्र 75 साल से ज्यादा हो गई है, उस स्थिति में वो पद पर बना नहीं रह सकता. अभी के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही सरकार के इस फैसला का विरोध कर रहे हैं. आरोप लगाया जा रहा है कि केरल में विश्वविद्यालयों को वामपंथी केंद्र बनाने की कोशिश हो रही है.
क्यों चल रही है ये तकरार?
कजाकिस्तान में अजरबैजान एयरलाइंस का विमान पक्षी की टक्कर के बाद क्रैश हो गया, जिसमें 42 लोग मारे गए. विमान ने करीब एक घंटे तक लैंडिंग की कोशिश की लेकिन पायलट इसमें विफल रहे. इस बीच जीपीएस में गड़बड़ी की बात भी सामने आ रही है, लेकिन अभी स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है. खासकर ग्रोज्नी के पास जीपीएस जैमिंग का संदेह है.
अजरबैजान एयरलाइंस का एम्ब्रेयर E190AR विमान बाकू से रूस के चेचन्या जा रहा था. विमान में 67 लोग सवार थे, जिनमें से 42 लोगों की मौत हो गई. इस घटना में 25 लोग बचने में सफल रहे. स्थानीय अधिकारियों और घटनास्थल से प्राप्त वीडियो के मुताबिक, कैस्पियन सागर तट पर कजाकिस्तान के अक्तौ शहर के पास हुए विमान हादसे में पहले बचावकर्मियों की तत्परता से कई लोगों को बचा लिया गया.