राजीव गांधी हॉस्पिटल में 3 मरीजों की मौत पर एक्शन में सरकार, असिस्टेंट प्रोफेसर को किया टर्मिनेट
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Delhi Latest News: दिल्ली सरकार के सबसे अच्छे अस्पतालों में शुमार राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में 21 मार्च को एक के बाद एक तीन मरीजों की मौत हो गई थी. इन मौतों के बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया था.
राजधानी दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल (Rajiv Gandhi Super Specialty Hospital) में 8 मार्च को एक के बाद एक 3 मरीजों की मौत पर दिल्ली सरकार ने एक्शन लिया है. दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर प्रवीण सिंह को टर्मिनेट कर दिया है. बताया जा रहा है कि प्रवीण सिंह राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में कांट्रेक्चुअल बेसिस पर कार्यरत थे. बता दें कि दिल्ली के ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सोमवार को तीन मरीजों की मौत हो गई थी. मरीजों की मौत के बाद कहा गया था कि मरीजों की मौत स्टेंट डालने के कारण हुई थी. यह तीनों ही मरीज दिल की बीमारी से पीड़ित थे.
मौतों के बाद परिजनों ने किया था हंगामा बता दें कि दिल्ली के ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में सोमवार को तीन मरीजों की मौत हो गई थी. मरीजों की मौत के बाद कहा गया था कि मरीजों की मौत स्टेंट डालने के कारण हुई थी. वहीं, इन घटनाओं के बाद मृतक के परिजनों ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा काटा था. इस दौरान परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही करने का आरोप लगाया था.
मृतकों की पहचान राम, विनोद कुमार और पूजा सब्बरवाल के रूप में हुई थी. केवल राम मेरठ से यहां इमरजेंसी में आए थे. जबकि विनोद कुमार जीटीबी अस्पताल से रेफर होकर पहुंचे थे. इन दोनों की हालत नाजुक थी.
अस्पताल ने किया था कमेटी का गठन इस घटना के बाद अस्पताल प्रशासन ने एक कमेटी का गठन किया था. अस्पताल प्रशासन की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया था कि यह कमेटी 48 घंटों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपेगी. इस रिपोर्ट के आधार पर ही दोषी पर कार्रवाई की जाएगी.
महाराष्ट्र के ठाणे में एक बच्ची का शव मिलने के बाद लोग आक्रोशित हो गए. दरअसल उल्हासनगर इलाके में तीन दिनों पहले एक बच्ची लापता हो गई थी जिसके बाद परिजनों ने थाने में गायब होने की रिपोर्ट भी दर्ज कराई थी. इसी के बाद गुरुवार को उसका शव हिल लाइन पुलिस स्टेशन से कुछ दूरी पर मिला जिसे देखकर स्थानीय लोग भड़क गए.
गौतम अडानी पर आरोप है कि उन्होंने अमेरिका के निवेशकों के पैसे से भारत में सरकारी अधिकारियों को रिश्वत दी और ये रिश्वत भी उन प्रोजेक्ट्स के लिए दी गई, जिससे 20 वर्षों में अडानी ग्रुप की एक कम्पनी को 2 बिलियन अमेरिकी डॉलर्स यानी भारतीय रुपयों में लगभग 16 हज़ार 881 करोड़ रुपये का मुनाफा होने का अनुमान है. आरोप है कि इस मुनाफे के लिए साल 2021 से 2022 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ की सरकारों को लगभग 2200 करोड़ रुपये की रिश्वत दी गई.