
राजीव गांधी हत्याकांड की जांच के लिए गठित एमडीएमए को केंद्र ने भंग किया
The Wire
तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान 21 मई, 1991 की रात को एक महिला आत्मघाती हमलावर के हमले में राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. हत्या में व्यापक साजिश की जांच के लिए साल 1998 में मल्टी डिसिप्लीनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (एमडीएमए) को दो साल की अवधि के लिए स्थापित किया गया था.
नई दिल्ली: सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या में व्यापक साजिश की जांच के लिए गठित 24 साल पुरानी मल्टी डिसिप्लीनरी मॉनिटरिंग एजेंसी (एमडीएमए) को खत्म कर दिया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी.
एमडीएमए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) के तहत काम कर रही थी और इसमें कई केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी शामिल थे.
अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी को भंग करने का आदेश मई में जारी किया गया था और लंबित जांच को सीबीआई की एक अलग इकाई को सौंप दिया गया है.
साल 1998 में एमडीएमए को एमसी जैन जैन आयोग की सिफारिश पर दो साल की अवधि के लिए स्थापित किया गया था. 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में हुई एक रैली के दौरान लिट्टे के आत्मघाती हमलावर द्वारा राजीव गांधी की हत्या के पीछे व्यापक साजिश का पता लगाने के लिए इसका गठन किया गया था.