
राजस्थान: क़ैदियों के विरोध के बीच ठिठुरती ठंड में काट दी गई हाई सिक्योरिटी जेल की बिजली
The Wire
23 नवंबर को अजमेर ज़िले की हाई सिक्योरिटी जेल में अधिकारियों द्वारा बिना किसी सूचना के बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई. इस क़दम के विरोध में क़ैदी भूख हड़ताल पर चले गए, लेकिन कोई प्रतिक्रिया न मिलने पर उन्होंने हार मान ली.
मुंबई: 23 नवंबर को अजमेर जिले की हाई सिक्योरिटी जेल के चार विभिन्न ब्लॉकों के करीब 8-10 विचाराधीन कैदी भूख हड़ताल पर बैठ गए. करीब 65 ‘बेहद खतरनाक’ कैदियों की क्षमता वाली इस ऊंची दीवारों वाली जेल के अधिकारियों ने बगैर किसी सूचना के जेल की बिजली आपूर्ति बंद कर दी थी.
कैदियों को हर दिन एक छोटे घिरे हुए अहाते में बल्ब और पंखे के बगैर ठूंसकर रखा जा रहा था, जिसके कारण जेल में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया. जेल अधिकारियों को याचिका भेजी गई; वकीलों को फोन कॉल किए गए, चिट्ठियां लिखी गईं. जेल महानिदेशक को भी इस बाबत इत्तला दी गई. लेकिन इन फरियादों का कोई जवाब नहीं आया.
जेल अधिकारियों ने अपना मन बना लिया था- जाड़े में बिजली की आपूर्ति को पूरी तरह से बंद रखने का. निराश होकर कैदियों ने आखिरकार पांचवें दिन भूख हड़ताल खत्म कर दिया. तब से कैदियों को उनकी जेल कोठरियों में बगैर बिजली आपूर्ति के बंद रखा गया है.
2015 में निर्मित अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में 264 कैदियों को रखा जा सकता है- इनमें राजस्थान के विभिन्न जिलों के दोषसिद्ध और सुनवाई पूर्व (प्री ट्रायल) दोनों प्रकार के कैदी लाए जाते हैं, जिन्हें ‘खतरा’ या ‘बाहर के खतरों से असुरक्षित’ माना जाता है.