
राजस्थान: विवादित विवाह रजिस्ट्रेशन विधेयक को वापस लेगी गहलोत सरकार
The Quint
Rajasthan Marriage registration|मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वो बाल विवाह के सख्त खिलाफ हैं, Rajasthan CM Ashok Gehlot said he is against child marriage
बाल विवाह के विवादित रजिस्ट्रेशन को लेकर राजस्थान (Rajasthan) सरकार ने अब यू-टर्न लेने का फैसला किया है. राजस्थान सरकार 17 सितंबर को विधानसभा में पारित विवादित बिल 'राजस्थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्ट्रेशन संशोधन विधेयक 2021' को वापस लेने जा रही है.ADVERTISEMENTविधेयक में सभी तरह के विवाहों का तीस दिन में रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य किया गया था. इस बिल को लेकर लगातार विवाद हो रहा था. क्योंकि विधेयक में बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन की भी छूट थी.किसी भी सूरत में नहीं होना चाहिए बाल विवाह- गहलोतराज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 11 अक्टूबर को अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस पर राज्य स्तरीय समारोह में कहा कि, ये विधेयक सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले की पालना में लाया गया था. अब इस पर विवाद हो रहा है. इसलिए राज्य सरकार इसका फिर से विधिक अध्ययन करवाएगी. राज्यपाल कलराज मिश्र से विधेयक को वापस भेजने के लिए कहा है. गहलोत ने कहा कि यह हमारे लिए प्रतिष्ठा की बात नहीं है. हमारा संकल्प है कि राजस्थान में किसी भी सूरत में बाल विवाह नहीं होना चाहिए.ADVERTISEMENTसरकार ने पारित कराया था विधेयक?राजस्थान सरकार ने 17 सितंबर को विधानसभा में इस विधेयक को पारित करवाया था. इस विधेयक का बीजेपी सहित अन्य विधायकों ने विरोध जताया था. बीजेपी के सदस्य तो इस विधेयक के विरोध में सदन से वॉकआउट कर गए थे और संशोधन विधेयक को सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया.विधेयक को लेकर संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने साफ किया कि बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन का मतलब उन्हें वैधता देना नहीं है. बाल विवाह करने वालों के खिलाफ उसका रजिस्ट्रेशन करने के बाद भी कार्रवाई हो सकती है. रजिस्ट्रेशन का मतलब बाल विवाह को वैधता देना नहीं है. धारीवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में निर्देश दिए थे कि सभी तरह के विवाह का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा.(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)Published: 11 Oct 2021, 7:25 PM IST...