राजस्थान में चुनाव जीतने से पहले ही मंत्री बन गए सुरेंद्र पाल टीटी, कांग्रेस बोली- देश में पहली बार ऐसा हुआ
AajTak
सुरेंद्र पाल सिंह टीटी श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार हैं. ये श्रीगंगानगर जिले की वही सीट है, जिस पर 25 नवंबर को चुनाव नहीं हो सका था. दरअसल इस सीट से कांग्रेस कैंडिडेट का निधन हो गया था. ऐसे में चुनाव स्थगित हो गया था. अब सुरेंद्र पाल सिंह को मंत्री बनाए जाने पर कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा है.
राजस्थान में आज भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया. इस विस्तार के साथ ही एक विवाद ने भी जन्म ले लिया. दरअसल, सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को भजनलाल सरकार में राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है. इस फैसले ने सभी को चौंका दिया. क्योंकि सुरेंद्र पाल सिंह चुनाव जीतने से पहले ही मंत्री बन गए हैं. जयपुर स्थित राजभवन में सुरेंद्र पाल सिंह ने पद और गोपनीयता की शपथ ली.
सुरेंद्र पाल सिंह टीटी श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार हैं. ये श्रीगंगानगर जिले की वही सीट है, जिस पर 25 नवंबर को चुनाव नहीं हुआ था. दरअसल, इस सीट से 75 साल के कांग्रेस नेता गुरमीत सिंह कुन्नर विधायक थे. मौजूदा विधानसभा चुनाव में उन्हें फिर से कांग्रेस का टिकट मिला था, लेकिन कुन्नर का 15 नवंबर को निधन हो गया था. ऐसे में चुनाव आयोग ने श्रीकरणपुर निर्वाचन सीट पर वोटिंग को स्थगित कर दिया था. श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर 5 जनवरी को उपचुनाव होना है.
ये भी पढ़ें राज्यवर्धन राठौर, किरोड़ीलाल मीणा समेत 12 कैबिनेट मंत्री, देखें- भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल की पूरी लिस्ट
उपचुनाव से पहले ही सुरेंद्र पाल सिंह टीटी को मंत्री बनाए जाने के बाद राजस्थान की सियासत गरमा गई. कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि भाजपा का अहंकार सातवें आसमान पर है. बीजेपी ने चुनाव आयोग को ठेंगा दिखाकर आदर्श आचार संहिता का उल्लघंन करते हुए श्रीकरणपुर से भाजपा प्रत्याशी सुरेंद्रपाल टीटी को मंत्री पद की शपथ दिलाई है. संभवतः देश में यह पहला मामला है, जब चुनाव से पहले ही भाजपा ने अपने प्रत्याशी को मंत्री बनाया है, कांग्रेस इस मामले को चुनाव आयोग के संज्ञान में लाकर कार्रवाई की मांग करेगी. उन्होंने कहा कि भाजपा भले ही मतदाताओं को प्रलोभन दे, लेकिन श्रीकरणपुर की सीट कांग्रेस पार्टी बड़े अंतर से जीतेगी.
पूर्व विधायक संयम लोढ़ा ने साधा निशाना
'साहित्य आजतक 2024' के मंच पर शनिवार को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विशेष रूप से आमंत्रित थीं. मौका था 'आजतक साहित्य जागृति सम्मान' के 2024 के समारोह का. इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति ने अलग-अलग 8 कैटेगरी में सम्मान दिए और लेखक गुलज़ार को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड प्रदान किया. देखें इस दौरान महामहीम का भाषण.
महाराष्ट्र में ऐतिहासिक जीत के बाद पीएम मोदी नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि लोगों ने मराठी भाषा के प्रति भी हमारा प्रेम देखा है. कांग्रेस को वर्षों तक मराठी भाषा की सेवा का मौका मिला, लेकिन इन लोगों ने इसके लिए कुछ नहीं किया. हमारी सरकार ने मराठी को क्लासिकल लैंग्वेज का दर्जा दिया. मातृभाषा का सम्मान, संस्कृतियों का सम्मान और इतिहास का सम्मान हमारे संस्कार में है, हमारे स्वभाव में है.
भारतीय जनता पार्टी ने गठबंधन के साथ महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम ने इस दौरान बताया कि महाराष्ट्र में महायुति की जीत क्यों ऐतिहासिक है? देखें.
पिछले हफ्ते तक कैलाश गहलोत अरविंद केजरीवाल सरकार में मंत्री थे. उन्होंने न केवल मंत्री पद से इस्तीफा दिया, बल्कि आप पार्टी भी छोड़ दी. इसके अगले ही दिन बीजेपी ने उन्हें बड़े धूमधाम से पार्टी में शामिल कर लिया. कैलाश गहलोत ने हाल ही में अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बीजेपी के एक बड़े विरोध प्रदर्शन में भी हिस्सा लिया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे अब पूरी तरह से बीजेपी के साथ हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव और उत्तर प्रदेश में उपचुनावों में शानदार जीत दर्ज की है. इस मौके पर नई दिल्ली में बीजेपी मुख्यालय में जश्न का माहौल है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी भी पहुंचे. पीएम मोदी ने जय भवानी, जय शिवाजी' के जयघोष के साथ अपना संबोधन शुरू किया.
गवर्नर कार्यालय ने स्पष्ट किया कि मूर्ति का अनावरण गवर्नर द्वारा नहीं किया गया था, बल्कि यह मूर्ति कलाकार और भारतीय संग्रहालय द्वारा भेंट के रूप में दी गई थी. इसके बावजूद, इस घटना ने एक राजनीतिक बहस को जन्म दिया है, जहां यह सवाल उठाया जा रहा है कि कोई व्यक्ति जीवित रहते हुए अपनी मूर्ति कैसे लगा सकता है.