राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने नए जिले बनाने की कवायद तेज की, गठित की कमेटी, 6 महीने में सौंपेगी रिपोर्ट
ABP News
राजस्थान में साल 2008 में प्रतापगढ़ को अलग जिला बनाया गया था इसके बाद से कोई नया जिला प्रदेश में नहीं बना है. लंबे समय से जनप्रतिनिधि कई नए जिले बनाने की मांग कर रहे हैं.
राजस्थान क्षेत्रफल के लिहाज से देश का सबसे बड़ा राज्य है, लेकिन यहां जिलों की संख्या दूसरे सबसे बड़े राज्य मध्य प्रदेश की तुलना में काफी कम है. मध्य प्रदेश में अभी 50 से ज़्यादा जिले हैं, जबकि राजस्थान में 33 जिले हैं. लम्बे समय से राजस्थान में नए जिलों के गठन की मांग उठती रही है. अब सरकार इस मुद्दे पर गंभीरता से काम कर रही है. इसी को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में नए जिले तय करने का जिम्मा एक हाई पावर कमेटी को दिया है, जिसकी बागडोर एक रिटायर्ड आईएएस अफसर रामलुभाया को सौंपी गई है. इस कमेटी में ग्रामीण विकास और राजस्व समेत दूसरे कई विभागों के अफसर भी शामिल किये गए हैं. यह कमेटी छह महीनों में अपनी रिपोेर्ट सरकार को सौंपेगी. इसी के आधार पर नए जिले बनाए जाएंगे.
सबसे बड़ा सवाल यह है कि नए जिलों की जरूरत क्यों पड़ी? इसकी एक बड़ी वजह मजबूत प्रशासनिक तंत्र की कमी और दूसरी वजह नेताओं का दबाव है. राजस्थान में राजधानी जयपुर समेत कई ऐसे जिले हैं, जिनका आकार काफी बड़ा है और इनकी जनसंख्या भी लगातार बढ़ रही है. जैसे जयपुर का ग्रामीण इलाका काफी बढ़ रहा है. कोटपूतली जयपुर में आने वाला एक ऐसा इलाका है, जिसकी जयपुर से दूरी 100 किलोमीटर से भी ज़्यादा है. यहां का सरकारी कामकाज जयपुर के कलेक्टर दफ्तर से चलता है.