
राजस्थान कांग्रेस में फिर रार! मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने दिखाए बगावती तेवर, सीएम गहलोत पर भी साधा निशाना
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राजेंद्र गुढ़ा बसपा के उन 6 विधायकों में से एक थे, जो कांग्रेस में शामिल हुए थे. इसके बाद गुढ़ा को मंत्री बनाया गया था. 2020 में जब सचिन पायलट ने बगावत की थी, तब गहलोत सरकार को गिरने से बचाने में इन बसपा विधायकों ने अहम रोल अदा किया था. राजेंद्र गुढ़ा को पहले सीएम गहलोत के कैंप का माना जाता था. लेकिन कुछ दिनों से उनके सुर बदले हुए हैं.
राजस्थान में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले कांग्रेस में सब कुछ ठीक होता नजर नहीं आ रहा है. राजस्थान सरकार में मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने बगावती तेवर दिखाते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि इस वक्त राजस्थान में पॉवर पूरी तरह से केंद्रित है. उन्होंने कहा कि DG की नियुक्ति से लेकर कॉन्सटेबल का तबादला तक मुख्यमंत्री दफ्तर से हो रहा है.
राजेंद्र सिंह गुढ़ा सचिन पायलट गुट के माने जाते हैं. राजेंद्र सिंह कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास द्वारा अफसरों की ACR मंत्रियों को भरने वाले बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे. उन्होंने कहा कि आईएएस अफसर की एसीआर भरने के मामले में प्रताप सिंह खाचरियावास की ओर से जो सवाल आया है, उसके बाद से इसे लेकर पूरे राजस्थान में चर्चा चल रही है. उन्होंने कहा कि मेरी जानकारी के मुताबिक, राजस्थान में पावर पूरी तरीके से केंद्रित है.
राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने कहा कि "जो डीजीपी की नियुक्ति करते हैं , वही कॉन्स्टेबल का ट्रांसफर करते हैं. कॉन्स्टेबल के ट्रांसफर के लिए भी मुख्यमंत्री निवास पर जाना पड़ता है. दरअसल, कुछ दिन पहले कैबिनेट मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने मांग की थी कि अफसरों की ACR मंत्रियों को भरनी चाहिए. उसके बाद मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास और मंत्री महेश जोशी के बीच विवाद भी गहरा गया था. अब इस मामले में राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने प्रतिक्रिया देकर नए विवाद को जन्म दे दिया है.
कौन हैं राजेंद्र गुढ़ा?
राजेंद्र गुढ़ा बसपा के उन 6 विधायकों में से एक थे, जो कांग्रेस में शामिल हुए थे. इसके बाद गुढ़ा को मंत्री बनाया गया था. 2020 में जब सचिन पायलट ने बगावत की थी, तब गहलोत सरकार को गिरने से बचाने में इन बसपा विधायकों ने अहम रोल अदा किया था. राजेंद्र गुढ़ा को पहले सीएम गहलोत के कैंप का माना जाता था. लेकिन कुछ दिनों से उनके सुर बदले हुए हैं. वे कभी सचिन पायलट की तारीफ करते नजर आते हैं, तो कभी अपने बयानों से गहलोत की मुसीबत बढ़ा रहे हैं.

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