'राजनीतिक फायदे के लिए परिवारों को लड़ाया...', लोकसभा चुनाव नतीजों से पहले अखिलेश का भाजपा पर हमला
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सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया और बिना जांच के उन्हें जानलेवा वैक्सीन लगवा दिए. उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक फायदे के लिए परिवारों को आपस में लड़ाने और भाई को भाई के सामने खड़ा करने का आरोप लगाया.
समाजवादी पार्टी प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके केंद्र की भाजपा सरकार की नीतियों पर निशाना साधा. उन्होंने बीजेपी पर देश की जनता पर महंगाई थोपने और युवाओं को बेरोजगार बनाने का आरोप लगाया. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा ने लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया और बिना जांच के उन्हें जानलेवा वैक्सीन लगवा दिए. उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक फायदे के लिए परिवारों को आपस में लड़ाने और भाई को भाई के सामने खड़ा करने का आरोप लगाया. अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा ने मानसिक रूप से अपने समर्थकों को हिंसक बना दिया है.
यूपी की राजधानी लखनऊ स्थित सपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश यादव ने इलेक्टोरल बॉन्ड समते कई मुद्दों पर केंद्र सरकार को घेरा. उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर देश में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा, 'बीजेपी के शासनकाल में महिलाओं, पिछड़ों और दलितों समेत आदिवासियों के खिलाफ अपराध बढ़े. नोटबंदी से छोटे कारोबारी बर्बाद हो गए. इलेक्टोरल बांड जैसा घोटाले हुआ. कमीशन लेकर खराब गुणवत्ता की दवाइयों को मंजूरी दी गई.'
अखिलेश यादव ने एग्जिट पोल के अनुमानों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि पतंग जितनी ऊंचाई पर जाकर कटती है, उतना ही नीचे आकर गिरती है. हमारा एग्जिट पोल कहता है कि इंडिया गठबंधन को सबसे ज्यादा सीटें यूपी से मिलेंगी. उन्होंने कहा, 'भाजपा ने अपने मंत्रियों से महिलाओं को अपशब्द कहलवाए. मणिपुर हिंसा, लखीमपुर कांड, कानपुर देहात और हाथरस कांड में महिलाओं और लोगों के साथ अन्याय किया. चुनी हुई सरकारें गिराईं. न्यायलय तक में अपने लोगो को सेट किया. न्यायाधीशों के एक वर्ग विशेष से अपने पक्ष में बयान दिलवाए. इस बार जनता गांधी जी के करो या मरो नारे की तरह दूसरे स्वतंत्रता आंदोलन के लिए तैयार बैठी है.'
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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