
राजद्रोह क़ानून को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब मांगा
The Wire
दो पत्रकारों की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से धारा 124-ए को असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया. याचिका में दावा किया गया कि धारा 124-ए बोलने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को राजद्रोह कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र से जवाब तलब किया. जस्टिस यूयू ललित, जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस केएम जोसेफ की पीठ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), 1860 की धारा 124-ए को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसके तहत राजद्रोह के अपराध में सजा दी जाती है. मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम और छत्तीसगढ़ के पत्रकार कन्हैया लाल शुक्ला की ओर से दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से धारा 124-ए को असंवैधानिक घोषित करने का अनुरोध किया गया है. याचिका में दावा किया गया कि धारा 124-ए बोलने एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन है, जो कि संविधान के अनुच्छेद 19 (1)(ए) के तहत प्रदान किया गया है.More Related News