
राकेश अस्थाना संबंधी याचिका पर सरकार ने कहा, कथित अखंडता रक्षक हर नियुक्ति को चुनौती देते हैं
The Wire
राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर केंद्र सरकार ने आपत्ति जताते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में कहा है कि प्राधिकारियों द्वारा की गई किसी भी नियुक्ति को चुनौती देना ‘तथाकथित अखंडता बनाए रखने वालों’ के लिए एक पेशा बन गया है.
नई दिल्ली: बुधवार, 18 अगस्त को केंद्र सरकार ने राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर आपत्ति जताई और कहा कि प्राधिकारियों द्वारा की गई किसी भी नियुक्ति को चुनौती देना ‘तथाकथित अखंडता बनाए रखने वालों’ के लिए एक पेशा बन गया है. गौरतलब है कि अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के रूप में नियुक्ति 31 जुलाई को उनकी सेवानिवृत्ति से चार दिन पहले 27 जुलाई को हुई है. उनका कार्यकाल एक साल का होगा. 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी अस्थाना पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में विशेष निदेशक रह चुके हैं. यह उन चुनिंदा उदाहरणों में से है, जब एजीएमयूटी (अरुणाचल प्रदेश-गोवा-मिजोरम और केंद्र शासित) कैडर के बाहर से एक आईपीएस अधिकारी को दिल्ली पुलिस प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया हो. दिल्ली हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और जस्टिस ज्योति सिंह की पीठ वकील बीएस बग्गा के माध्यम से दाखिल की गई सदरे आलम की याचिका पर सुनवाई कर रही है.More Related News