रहस्य की परतों में लिपटा श्रद्धा मर्डर केस, आफताब के झूठ और सच में उलझी दिल्ली पुलिस!
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श्रद्धा वॉल्कर मर्डर केस में आरोपी आफताब की पुलिस कस्टडी के 4 दिन पूरे हो गए हैं. शनिवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और तिहाड़ जेल भेज दिया जाएगा. हालांकि, दिन में उसका एक बार फिर पॉलीग्राफ टेस्ट कराए जाने की संभावना है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने आफताब की दो बार 5-5 दिन की कस्टडी ली थी. इस तरह कुल 14 दिन पूछताछ की
श्रद्धा मर्डर केस ने खाकी को बुरी तरह उलझा कर रख दिया है. फिल्म दृश्यम की तरह पुलिस के सामने पूरे केस की हकीकत है, लेकिन सबूतों के अभाव में 15 दिन में चकरघिन्नी बनी हुई है. इस केस से जुड़ीं 14 से ज्यादा पुलिस टीमें दिन-रात एक कर सबूत जुटा रही हैं. लेकिन, अब तक खास सफलता नहीं मिल पाई है. वहीं, आरोपी आफताब का तीन राउंड में पॉलीग्राफ टेस्ट भी हो चुका है और सवालों के जवाब से पुलिस भी संतुष्ट नहीं दिख रही है. यही वजह है कि अब नार्को टेस्ट की भी तैयारी किए जाने की चर्चा है.
फिलहाल, आफताब की पुलिस कस्टडी के 4 दिन पूरे हो गए हैं. शनिवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा और तिहाड़ जेल भेज दिया जाएगा. हालांकि, दिन में उसका एक बार फिर पॉलीग्राफ टेस्ट कराए जाने की संभावना है. इससे पहले दिल्ली पुलिस ने आफताब की दो बार 5-5 दिन की कस्टडी ली थी. इस तरह कुल 14 दिन पूछताछ की और आलाकत्ल बरामद करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी. आफताब को लेकर पुलिस उन दुकानों तक पहुंची, जहां से उसने हथियार (चाकू, कीलें और आरी, चापड़) खरीदे थे. इसके साथ ही जंगल भी छाने और तालाब को भी खंगाला. यहां तक कि मुंबई में श्रद्धा का फोन बरामद करने के लिए पहुंचीं. जिस डेंटल क्लिनिक में श्रद्धा का ट्रीटमेंट हुआ, वहां भी डॉक्टर से पूछताछ की. लेकिन, खास सबूत कहीं से नहीं मिल पाए.
दिल्ली पुलिस को शक- प्लानिंग से किया गया मर्डर
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या श्रद्धा मर्डर केस पूरी तरह उलझ गया है? या फिर पुलिस को इस केस से जुड़े पूरे और पुख्ता सबूत मिल गए हैं. हालांकि,श्रद्धा मर्डर केस रहस्य की परतों में लिपटा दिख रहा है. पुलिस अभी भी आफताब के झूठ और सच में उलझी है. पुलिस ने अदालत के सामने जिक्र किया था कि उसे आफताब के पास एक नोट मिला है, जिसमें वो लाश के टुकड़ों का सारा हिसाब-किताब रखता था. यानी लाश के किस हिस्से को उसने कहां फेंका है, इसके बारे में वो एक नोट में लिखता था. कहा जा सकता है कि पुलिस की इस थ्योरी से ये साफ हो जाता है कि आफताब ने श्रद्धा का कत्ल गुस्से में अचानक नहीं किया था. बल्कि एक प्लानिंग के तहत पूरी वारदात को अंजाम दिया था. आफताब ने कत्ल की प्लानिंग मई में ही कर ली थी. आफताब ने प्लानिंग के तहत ही मुंबई छोड़ा था.
जब आफताब बोला- अब ताे दृश्यम-2 आ गई है... पॉलीग्राफ टेस्ट में आफताब से पूछा गया कि क्या उसने मर्डर की प्लानिंग कर रखी थी और किसी मूवी को देखकर आइडिया आया. इस पर उसने चौंकाने वाला जवाब दिया और कहा कि हां, मैंने दृश्यम देखी है. अब तो दृश्यम 2 आ गई है. पुलिस ने आफताब से बार-बार सवाल किया कि उसने श्रद्धा का कत्ल अचानक गुस्से में किया या उसकी पहले से प्लानिंग थी. दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो आफताब इस सवाल पर लगातार झूठ बोल रहा है. यहीं से पुलिस को यकीन हो चला कि आफताब ने श्रद्धा को गुस्से में नहीं मारा है. बल्कि वो कत्ल की साजिश लंबे समय से कर रहा था.
13 से सबूत और सुराग जुटा रही है पुलिस
सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि खींवसर को तीन क्षेत्रों में बांटकर देखा जाता है और थली क्षेत्र को हनुमान बेनीवाल का गढ़ कहा जाता है. इसी थली क्षेत्र में कनिका बेनीवाल इस बार पीछे रह गईं और यही उनकी हार की बड़ी वजह बनी. आरएलपी से चुनाव भले ही कनिका बेनीवाल लड़ रही थीं लेकिन चेहरा हनुमान बेनीवाल ही थे.
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