
रफाल सौदा: फ्रांस की एंटी-करप्शन संस्था को दासो द्वारा भारतीय बिचौलिए को भुगतान किए जाने का संदेह
The Wire
पेरिस की इनवेस्टिगेटिव वेबसाइट मीडियापार्ट की रिपोर्ट के अनुसार, रफाल विमान निर्माता दासो एविएशन एक भी ऐसा दस्तावेज़ उपलब्ध करा पाने में नाकाम रही, जो संदिग्ध भुगतान को जायज़ ठहरा सके. बावजूद इसके फ्रांसीसी भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी द्वारा मामले को अभियोजन के लिए न भेजने का फैसला किया गया.
नई दिल्ली: एक फ्रांसीसी भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी ने साल 2017-18 में दासो एविएशन द्वारा एक भारतीय रक्षा कंपनी को किए गए संदिग्ध भुगतान पर सवाल उठाए हैं. पेरिस स्थित इनवेस्टिगेटिव न्यूज वेबसाइट मीडियापार्ट ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी है. यह जानकारी सामने आने के बाद साल 2016 के विवादित रफाल सौदे पर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रफाल जेट निर्माता विमान के मॉडल के लिए 2017 में हुए अनुबंध के लिए पर्याप्त दस्तावेज मुहैया कराने में असमर्थ रहा, जिसके चलते भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी के इंस्पेक्टरों को यह संदेह हुआ कि यह ‘खरीददारी फर्जी’ थी या जिसे बिचौलिए को किए गए भुगतान को छिपाने के लिए तैयार किया गया था. इसमें दिलचस्प बात यह है कि भारतीय रक्षा कंपनियों के मालिकों के कथित रक्षा एजेंट सुषेन गुप्ता से बेहद करीबी संबंध हैं, जो अगस्ता वेस्टलैंड मामले में सीबीआई की जांच के घेरे में हैं.More Related News