रंजन गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की रिपोर्ट सार्वजनिक होनी चाहिए थी: पूर्व जज
The Wire
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट से रिटायर हुईं जस्टिस इंदिरा बनर्जी 2019 में तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई पर शीर्ष अदालत की ही एक कर्मचारी द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली समिति में शामिल थीं.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश इंदिरा बनर्जी ने कहा कि भारत के पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाना चाहिए था क्योंकि इससे इस मुद्दे से जुड़े संदेह दूर हो जाते. ‘काश रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाता. इससे उनसे (पूर्व सीजेआई गोगोई) और हमसे जुड़े संदेह साफ हो जाते. अगर कोई सहमति से आगे कदम बढ़ाता है, तो क्या मैं इसे उत्पीड़न कह सकती हूं? इस बात को बहुत सावधानीपूर्वक देखने की जरूरत है कि उन्होंने अपनी शिकायत में क्या कहा था क्योंकि इसमें न्यायपालिका शामिल है. मैं यह जताने की कोशिश नहीं कर रही हूं कि कुछ भी सहमति से हुआ था.’
बार एंड बेंच को दिए एक साक्षात्कार में बीते 23 सितंबर को सेवानिवृत्त हुईं जस्टिस बनर्जी ने अप्रैल 2019 में सुप्रीम कोर्ट की एक कर्मचारी द्वारा तत्कालीन सीजेआई रंजन गोगोई पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के बारे में विस्तार से बात की.
ज्ञात हो कि जस्टिस बनर्जी, पूर्व सीजेआई एनवी रमना और जस्टिस इंदु मल्होत्रा इन आरोपों की जांच के लिए शीर्ष अदालत द्वारा गठित आंतरिक समिति का हिस्सा थे.
जस्टिस बनर्जी ने दावा किया कि गोगोई ‘मुसीबत में इसलिए पड़े’ क्योंकि वह ‘स्टाफ के साथ कड़ाई के साथ पेश आते’ थे.