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योगी आदित्यनाथ को 2027 के लिए जरूरत है एक मजबूत एक्शन प्लान की
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योगी आदित्यनाथ ने अपने खिलाफ उठती आवाजों को आने वाले चुनावों के बहाने न्यूट्रलाइज करने की कोशिश की है. वो कह रहे हैं कि 10 सीटों के उपचुनाव ही नहीं, बल्कि 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए भी अभी से तैयारी करनी होगी - लेकिन मामला शांत नहीं हो पा रहा है.
योगी आदित्यनाथ को लोकसभा चुनावों में बीजेपी के खराब प्रदर्शन को लेकर घेरने की कोशिशें जारी हैं. योगी आदित्यनाथ के राजनीतिक विरोधी हद से ज्यादा सक्रिय हो गये हैं. वो अपने हिसाब से विरोध को काउंटर करने की कोशिश कर तो रहे हैं, लेकिन मामला करीब करीब बेकाबू लगने लगा है.
यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने तरीके से बीजेपी कार्यकर्ताओं और नेतृत्व को ये समझाने की कोशिश कर रहे हैं कि जो हो चुका है, उसे भूलकर आगे की तैयारी में जुट जाना चाहिये. बीती बातों को तो बदला नहीं जा सकता, लिहाजा आने वाले चुनावों की तैयारी करनी चाहिये.
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में हुई बैठक में योगी आदित्यनाथ ने कार्यकर्ताओं की हौसलाअफजाई करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए सभी को अभी से सक्रिय होना होगा - लेकिन हार की समीक्षा के दौरान सरकार और संगठन की तुलना पेश करके डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ विरोध की आवाज को और ज्यादा हवा दे दी है.
योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया पर सक्रियता बढ़ाने के साथ ही हर तरह की अफवाहों को तत्काल प्रभाव से खंडन करने की जरूरत बताई थी, लेकिन अब तो केशव प्रसाद मौर्य के दिल्ली दौरे को लेकर भी अलग अलग तरह की चर्चाएं होने लगी हैं, जिससे यूपी के राजनीतिक हालात अचानक गंभीर लगने लगे हैं.
ऐसे हालात में सरवाइवल ट्रिक्स की जरूरत होती है. वैसे तो योगी आदित्यनाथ के पास ऐसे ट्रिक्स का खजाना है, जिसका बरसों से वो इस्तेमाल करते आये हैं - लेकिन एनकाउंटर पॉलिटिक्स हर बार कारगर नुस्खा साबित हो ही, ये जरूरी भी तो नहीं है.
कमजोर कड़ियों को दुरुस्त करना होगा
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दिल्ली विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल में बीजेपी को बड़ी जीत मिलने के संकेत मिल रहे हैं. आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचार के आरोपों और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के कारण मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. सर्वे के अनुसार बीजेपी को 50 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान है, जबकि आम आदमी पार्टी 20 से कम सीटों पर सिमट सकती है.
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दिल्ली दंगों के समय आम आदमी पार्टी की भूमिका पर सवाल उठे हैं. अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने पुलिस स्टेशन का दौरा किया था. भाजपा और कांग्रेस पर आरोप लगे कि वे दंगों के दौरान निष्क्रिय रहे. आम आदमी पार्टी ने अपने कोर वोटर मुस्लिम समुदाय का समर्थन खो दिया है. सर्वे के अनुसार, 83% मुस्लिम वोट आम आदमी पार्टी के पक्ष में थे, जो अब घटकर 20% रह गए हैं.
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अरविंद केजरीवाल ने एग्जिट पोल्स पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा, कुछ एजेंसीज दिखा रही हैं कि गाली गलौज पार्टी की 55 से ज्यादा सीट आ रही हैं. पिछले दो घंटे में हमारे 16 उम्मीदवारों के पास फोन आ गए हैं कि 'AAP' छोड़ के उनकी पार्टी में आ जाओ, मंत्री बना देंगे और हर किसी को 15-15 करोड़ रुपये देंगे.
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अमेरिका से प्रवासी भारतीयों को वापस भेजे जाने के मुद्दे पर विपक्षी सदन में हंगामा कर रहा है. हंगामे के कारण गुरुवार को लोकसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. इस बीच संसद परिसर में विपक्षी दलों के सांसदों ने प्रदर्शन किया. वे हाथों में तख्ती लिए नजर आए. इसपर लिखा था- बेड़ियों में हिंदुस्तान, नहीं सहेंगे ये अपमान. सांसद हाथ में हथकड़ी लेकर प्रदर्शन करते दिखे.