यूपी: ATM में फेवीक्विक, फर्जी हेल्पलाइन... ऐसे ठगी की वारदात को अंजाम देता था गैंग
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मैनपुरी में एटीएम से पैसे पैसे निकालने पहुंचे लोगों को ठगी का शिकार बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है.साइबर सेल ने गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से 75,000 रुपये नकद, 48 एटीएम कार्ड, 65 सिम कार्ड और 2 अवैध पिस्तौल, 6 मोबाइल फोन और एक कार बरामद की गई हैं.
यूपी के मैनपुरी में साइबर सेल ने एटीएम से पैसे निकालने पहुंचे लोगों से ठगी करने वाले अंतरराज्यीय गैंग का पर्दाफाश किया है. साइबर सेल पुलिस ने गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार किया है. इनके कब्जे से कई सिम, एटीएम कार्ड, कैश आदि बरामद किया गया है. इस गिरोह के दूसरे सदस्यों की भी तलाश की जा रही है.
एसपी कमलेश दीक्षित ने बताया कि आरोपी पहले एटीएम में गोंद लगाते थे ताकि एटीएम कार्ड मशीन में फंस जाए, दूसरा फर्जी हेल्पलाइन पर कॉल करता था और फिर जानकारी लेकर लोगों के खाते से पैसे निकाल लेता था. उन्होंने कहा, "उन्होंने कई राज्यों में यह धोखाधड़ी की है. उनके पास से 75,000 रुपये नकद, 48 एटीएम कार्ड, 65 सिम कार्ड और 2 अवैध पिस्तौल, 6 मोबाइल फोन और एक कार बरामद की गई हैं."
एसपी ने यह भी बताया कि कई दिनों से ऐसी शिकायतें मिल रही थी, जिसमें एटीएम में कार्ड फंसने के बाद ग्राहक के खाते से पैसे निकाले जा रहे थे. इसके बाद साइबर सेल इंचार्ज राजेश कुमार के नेतृत्व में टीम बनाई गई. ये आरोपी एटीएम के आसपास सक्रिय रहते थे और भोले-भाले लोगों को कार्ड मशीनों में फंसाकर उनके खातों से पैसे निकाल लेते थे. उसके एक साथी की तलाश की जा रही है, पुलिस का दावा है कि उसे भी गिरफ्तार किया जाएगा.
आरोपी बहुत पेशेवर तरीके से घटना को अंजाम देते थे और मासूम लोगों पर नजर रखते थे. इनमें से एक शख्स एटीएम में फेवीक्विक लगा देता था, जिससे कार्ड मशीन के अंदर चिपक जाता था, जब वह बाहर नहीं निकलता तो पास खड़ा शख्स उसे फर्जी हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करने की सलाह देता था, जब वह बात करता तो उससे कार्ड से संबंधित गोपनीय जानकारी मांग लेता. उसके बाद ग्राहक को बेवकूफ बनाकर टेक्निकल टीम आने की बात कहकर उसे वहां से भेज देते थे और सर्जिकल ब्लेड की मदद से कार्ड निकाल कर खाते से अन्य एटीएम के जरिए पैसे निकाल लेते थे. हाल ही में गोपाल नगर में रहने वाले दो लोग इस गिरोह के शिकार बने थे.
अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आज देश में डिफेंस और रेलवे ये दो ऐसे सेक्टर हैं जिनके राजनीतिकरण से बचते हुए आगे बढ़ने की जरूरत है. ये देश की ताकत हैं. रेलवे का पूरा फोकस गरीब और मिडल क्लास परिवारों पर. एसी और नॉन एसी कोच के रेशियो को मेंटेन किया गया. जब कई सदस्यों की ओर से जनरल कोच की डिमांड आई तो 12 कोच जनरल कोच बनाए जा रहे हैं. हर ट्रेन में जनरल कोच ज्यादा हो, इस पर काम किया जा रहा है.