यूपी: 1984 के सिख विरोधी दंगों में संलिप्तता के आरोप में कानपुर में पांच वृद्ध गिरफ़्तार
The Wire
यूपी सरकार ने 1984 के सिख-विरोधी दंगों के दौरान कानपुर में 127 लोगों की मौत की फिर से जांच के लिए मई 2019 में एसआईटी का गठन किया था, जो कुल 11 मामलों की जांच कर रही है. इसे लेकर अब तक 11 लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है. पुलिस ने बताया कि एसआईटी ने पूर्व में 96 मुख्य संदिग्धों को चिह्नित किया था, उनमें से 22 की मौत हो चुकी है.
कानपुर: वर्ष 1984 के सिख-विरोधी दंगों में संलिप्तता के आरोप में उत्तर प्रदेश के कानपुर में पांच और लोगों को गिरफ्तार किया गया है. तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है.
पुलिस उप महानिरीक्षक बालेंद्र भूषण सिंह ने बृहस्पतिवार को बताया कि उनकी अगुवाई में गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने वर्ष 1984 के सिख-विरोधी दंगों से जुड़े मामले में बुधवार को पांच आरोपियो- जसवंत जाटव (68), रमेश चंद्र दीक्षित (62), रविशंकर मिश्रा (76), भोला कश्यप (70) और गंगाबख्श सिंह (60) – को गिरफ्तार किया है. ये सभी किदवई नगर के विभिन्न हिस्सों के निवासी हैं.
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार किए गए इन लोगों को चीफ मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
सिंह ने बताया कि इन लोगों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 396 (डकैती और हत्या), 436 (घर को ध्वस्त करने के इरादे से विस्फोटक सामग्री का इस्तेमाल करना) तथा धारा 326 (खतरनाक हथियारों से जानबूझकर चोट पहुंचाना) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.