यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट का आदेश, सीएए प्रदर्शनकारियों से वसूला गया पैसा वापस करें- प्रेस रिव्यू
BBC
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को आदेश दिया है कि वह नागरिकता क़ानून विरोधी प्रदर्शनकारियों से रिकवरी के तौर पर वसूली गई रकम और संपत्ति वापस करे.
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को आदेश दिया है कि वह 2019 में नागरकिता संशोधन अधिनियम (सीएए) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्तियों को नुक़सान पहुंचाने के एवज़ में प्रदर्शनकारियों से वसूली गई करोड़ों रुपये की रकम को वापस करे.
अंग्रेज़ी अख़बार द टाइम्स ऑफ़ इंडिया ने इस ख़बर को प्रमुखता से लिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों द्वारा वसूली गई राशि को अन्यायपूर्ण करार दिया. कोर्ट का कहना था कि ये साल 2009 और 2018 में शीर्ष न्यायालय के दिए दो फ़ैसलों के ख़िलाफ़ है. पहले के आदेशों में कहा गया था कि इस तरह की कोई भी वसूली संबंधित राज्य के उच्च न्यायालय की निगरानी में न्यायिक न्यायाधिकरण ही शुरू कर सकते हैं.
जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्य कांत की बेंच ने ये भी स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश सरकार नए क़ानून यूपी रिकवरी ऑफ डैमेज टू प्रॉपर्टी एंड प्राइवेट प्रॉपर्टी ऐक्ट, 2020 के तहत बनाए गए न्यायिक न्यायाधिकरण के ज़रिए नए सिरे से वसूली की प्रक्रिया को शुरू कर सकती है.
सुप्रीम कोर्ट की ओर से नाराज़गी जताए जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरार ने बेंच को बताया कि 14 और 15 फ़रवरी को दो आदेश जारी किए गए थे, जिसके तहत 274 प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई को वापस ले लिया गया है.