
यूपी: राशन वितरण को लेकर योगी आदित्यनाथ ने सांप्रदायिक और झूठा दावा किया है
The Wire
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में कुशीनगर में कहा था कि साल 2017 से पहले सिर्फ ‘अब्बा जान’ कहने वालों को ही राशन मिलता था. आंकड़े दर्शाते हैं कि ऐसा किसी भी तरह से संभव नहीं है.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में हाल ही में एक विवादित और सांप्रदायिक टिप्पणी करते हुए कहा कि साल 2017 से पहले सिर्फ ‘अब्बा जान’ कहने वालों को ही राशन मिलता था. Last year 5-year-old Sonia Kumari died in Agra, a district in Uttar Pradesh. Sonia born to 40-year-old Sheela and 50-year-old Pappu had reportedly gone without ration for 15 days before she died. Pertinent to mention that they are Hindus. pic.twitter.com/DhVgtMeZQC I’ve always maintained the BJP has no intention of fighting any election with an agenda other than blatant communalism & hatred with all the venom directed towards Muslims. Here is a CM seeking re-election claiming that Muslims ate up all the rations meant for Hindus. https://t.co/zaYtK43vpd
बीते रविवार को आदित्यनाथ ने कुशीनगर में कहा था, ‘प्रधानमंत्री (नरेंद्र) मोदी के नेतृत्व में तुष्टिकरण की राजनीति का कोई स्थान नहीं है. वर्ष 2017 से पहले क्या सभी राशन ले पाते थे? पहले केवल अब्बा जान कहने वाले ही राशन हजम कर रहे थे. कुशीनगर का राशन नेपाल और बांग्लादेश जाता था. आज अगर कोई गरीब लोगों के राशन को हथियाने की कोशिश करेगा, तो वह निश्चित रूप से जेल चला जाएगा.’ — Srishti (@seekingsrishti) September 13, 2021 — Omar Abdullah (@OmarAbdullah) September 12, 2021
योगी आदित्यनाथ के इस बयान की जहां हर स्तर पर चौतरफा आलोचना हो रही है, वहीं दूसरी तरह इस तरह की बयानबाजी तथ्यों की कसौटी पर किसी भी तरह से सही नहीं उतरती है.
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून की वेबसाइट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में इस समय कुल 3.59 करोड़ राशनकार्ड धारक और इसके 14.86 करोड़ लाभार्थी हैं. साल 2011 की जनगणना के मुताबिक यूपी की जनसंख्या 19.98 करोड़ थी.