यूपी: यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण ने रिकॉर्ड में अनुपलब्ध भूखंड के लिए भुगतान किया- रिपोर्ट
The Wire
कैग की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश सरकार के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण ने 2015 में गौतम बुद्ध नगर में एक भूखंड खरीदा था, लेकिन भूमि रिकॉर्ड का सत्यापन न करने के चलते उसे 2.71 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
नोएडा: उत्तर प्रदेश सरकार के यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने 2015 में गौतम बुद्ध नगर में एक भूखंड खरीदा था, लेकिन भूमि रिकॉर्ड का सत्यापन नहीं करने के चलते उसे 2.71 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
साथ ही, कैग के मार्च 2020 को समाप्त हुए वित्त वर्ष के लिए ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा किया गया है कि प्राधिकरण ने रिकॉर्ड में अनुपलब्ध भूखंड की खरीद पर ‘स्टांप’ शुल्क के रूप में 10 लाख रुपये खर्च किए थे.
हाल में उत्तर प्रदेश विधानसभा के पटल पर रखी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश पावर ट्रासंमिशन कॉरपोरेशन लिमिटेड ने (जून 2012 को) प्राधिकरण से 765 केवी की क्षमता वाले सब-स्टेशन के निर्माण के लिए यमुना एक्सप्रेसवे के नजदीक गौतम बुद्ध नगर के जहांगीरपुर गांव में 75 एकड़ जमीन आवंटित करने का अनुरोध किया था.
सब-स्टेशन के लिए जमीन खरीदने की प्रक्रिया प्राधिकरण के अधिकारियों ने शुरू की और इस सिलसिले में एक प्रस्ताव को उसी महीने तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) ने मंजूरी प्रदान की.