यूपी में बढ़ा बुलडोजर का खौफ, कब चलता है और क्या है नियम? ADG लॉ एंड ऑर्डर ने बताया
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यूपी की सत्ता में बीजेपी की वापसी के बाद अपराधियों में बुलडोजर को लेकर खौफ बढ़ गया है. अपराधी बुलडोजर के डर से सरेंडर करने लगे हैं. इन सबके बीच आइए जानते हैं कि क्या हैं किसी संपत्ति पर बुलडोजर चलने के नियम.
यूपी विधानसभा चुनाव में बुलडोजर छाया रहा. सीएम योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा का नया नाम तक दे दिया गया. यूपी चुनाव में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की प्रचंड जीत के बाद बुलडोजर का खौफ यूपी के अपराधियों में अब और बढ़ने लगा है. कहीं बुलडोजर चल रहा है तो कहीं बुलडोजर के डर से अपराधी सरेंडर कर रहे हैं.
बुलडोजर को लेकर बढ़ते खौफ के बीच ये जानना जरूरी है कि बुलडोजर कब और कैसे चलता है? इसके नियम क्या हैं? यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने इस संबंध में बताया है. उन्होंने कहा कि कानूनी तौर पर बुलडोजर दो परिस्थितियों में चलता है. पहले जब कोई व्यक्ति किसी सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर उस पर अपना निर्माण करा ले.
यूपी पुलिस के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा कि इस स्थिति में उस सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराने के लिए अवैध निर्माण को गिराया जाता है. इसके लिए बाकायदा लेखपाल, कानूनगो, एसडीएम, तहसीलदार से लेकर जिला प्रशासन की रिपोर्ट लगाई जाती है. स्थानीय पुलिस बल को तैनात किया जाता है तब बुलडोजर सरकारी जमीन पर बने निर्माण को गिराने के लिए पहुंचता है.
उन्होंने कहा कि दूसरी स्थिति में बुलडोजर तब चलाया जाता है जब अपराध करने के बाद अपराधी लगातार भाग रहा हो. जब अपराधी कानूनी प्रक्रिया और वारंट के बाद भी सरेंडर नहीं करता है तब प्रशासन उसकी अपराध से कमाई संपत्ति पर कुर्की का आदेश लेने के बाद बुलडोजर चलाने की कार्रवाई की जाती है. यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के मुताबिक इसके लिए जरूरी है कि वो संपत्ति अपराध की कमाई से बनाई गई हो.
अपनाई जाती है विधिक प्रक्रिया
यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि किसी भी निर्माण पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने के लिए विधिक प्रक्रिया अपनाई जाती है. हम ऐसे ही बिल्डिंग नहीं गिराते. उन्होंने कहा कि पुलिस अगर बगैर विधिक प्रक्रिया के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करे तो अराजकता की स्थिति उत्पन्न हो जाएगी. यूपी के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने कहा कि पुलिस नियमों के मुताबिक ही कार्रवाई करती है.
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