यूपी: बोर्ड परीक्षा पेपर लीक मामले में बलिया के पत्रकारों की ज़मानत याचिका ख़ारिज
The Wire
उत्तर प्रदेश बोर्ड की 12वीं की परीक्षा का अंग्रेजी का पेपर 30 मार्च को लीक हो गया था, जिसके आरोप में पुलिस ने बलिया के तीन पत्रकारों को गिरफ़्तार किया है. स्थानीय पत्रकार संघों का आरोप है कि पत्रकारों को पेपर लीक होने की ख़बर करने के चलते फंसाया गया, जबकि पुलिस का कहना है कि पेपर लीक में उनकी भूमिका के आधार पर उन्हें गिरफ़्तार किया गया था.
नई दिल्ली: बलिया की एक निचली अदालत ने मंगलवार को जिले के तीन पत्रकारों की जमानत याचिका रद्द कर दी. तीनों को पेपर लीक मामले में उनकी संलिप्तता के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके चलते 24 जिलों में उत्तर प्रदेश बोर्ड की कक्षा 12वीं की अंग्रेजी की परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, तीनों पत्रकारों की पैरवी कर रहे एडवोकेट मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा कि वे बुधवार को जमानत के लिए सत्र न्यायालय जाएंगे.
अजीत ओझा, दिग्विजय सिंह और मनोज कुमार गुप्ता नामक तीनों पत्रकारों को मंगलवार को अदालत के सामने पेश किया गया और उनकी जमानत याचिका ज्युडिशियल मजिस्ट्रेट राजीव रंजन मिश्रा द्वारा सुनी गई. ओझा और सिंह अमर उजाला के लिए काम करते हैं, जबकि गुप्ता राष्ट्रीय सहारा से जुड़े हुए हैं. उनके खिलाफ आईपीसी की नकल व धोखाधड़ी संबंधी धाराओं और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटीएक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मंगलवार शाम को इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एडवोकेट मिथिलेश कुमार सिंह ने कहा, ‘हमने तीनों पत्रकारों की जमानत के लिए निचली अदालत में आवेदन दिया था, लेकिन उनकी याचिका खारिज कर दी गई. हम बुधवार को सत्र न्यायालय में जमानत याचिका लगाएंगे. मेरे मुवक्किलों के खिलाफ लगाई गईं कुछ धाराएं जमानती थीं, जबकि अन्य गैर-जमानती हैं.’