
यूपी: चित्रकूट के इस गांव में आम जनता के मुद्दों पर जाति हावी नज़र आती है
The Wire
ग्राउंड रिपोर्ट: बुंदेलखंड के चित्रकूट जिले के कर्वी ब्लॉक का रसिन राज्य के लोक निर्माण राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय का गांव है. यहां ग्रामीण विस्थापन, बेरोज़गारी, आवारा पशु जैसी कई समस्याएं बताते हैं, हालांकि मतदान को लेकर उनकी राय मुद्दों की बजाय स्पष्ट तौर पर जातिगत समीकरणों पर आधारित है.
चित्रकूट: ‘सरकार ने तो नुकसान बहुत किया है. सब कुछ उजड़ गया. अब जहां बसाया है, कुछ दिन बाद वहां से भी उजाड़ देगी. पहले अपने खेत में काम करते थे अब मजदूरी कर रहे हैं. गरीबों को न कॉलोनी आवास मिलती है, न शौचालय न रसोई गैस. सरकार ने जान, आत्मा तो सब ले ली है. बताओ क्या करें?
जंगल से जलौनी लकड़ियां लेकर लौट रहीं रसिन गांव की बिजुरी देवी ने बेहद बुझे स्वर में यह बात तब कही जब उनसे चुनाव और वोट के बारे में पूछा. बिजुरी और राजकुमारी रसिन बांध परियोजना के विस्थापितों में से हैं. दोनों के सभी खेत बांध के अंदर आ गए हैं. सात बीघा खेत परियोजना में चला गया और अब वे भूमिहीन हैं और मजदूरी करती हैं.
उन्होंने बताया कि घर के लिए 90 हजार रुपये मिला लेकिन खेत का पूरा मुआवजा नहीं मिला. अब सड़क किनारे घर बनवाकर रह रही हैं. एक बेटा मजदूरी करने बाहर चला गया है जबकि दूसरा बेटी यहीं रहकर मजदूरी करता है.
बिजुरी कहती हैं कि बांध परियोजना से पूरा गांव उजड़ गया. घर, खेती सब चली गई. अब बांध के बाजू में घर बनाकर रह रही हैं.