यूपी: गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षकों-विद्यार्थियों ने कुलपति के ख़िलाफ़ मोर्चा क्यों खोल रखा है
The Wire
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह अपने 15 महीनों के कार्यकाल के दौरान लगातार विवादों में रहे हैं. फैकल्टी सदस्य और विद्यार्थी उन पर अनियमितता, मनमाने निर्णयों और शिक्षकों के साथ बदसलूकी के आरोप लगाते हुए उन्हें हटाने की मांग कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गृह जिले के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में कुलपति की कार्य प्रणाली और उनके द्वारा लिए गए निर्णयों के खिलाफ शिक्षक और छात्र-छात्राएं सड़क पर आ गए हैं. कुलपति के खिलाफ सत्याग्रह करने पर कुलपति के आदेश पर हिंदी विभाग के प्रोफेसर कमलेश कुमार गुप्त को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ जांच के लिए कमेटी बना दी गई है.
प्रो. गुप्त का समर्थन करने वाले सात प्रोफेसरों को एक दिन का वेतन काटते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. इसके बावजूद छात्रों और शिक्षकों ने विश्वविद्यालय में शीतकालीन अवकाश होने तक सत्याग्रह किया.
हालत इतने आगे बढ़ गए कि कुलाधिपति/राज्यपाल के ओएसडी को गोरखपुर आाना पड़ा. छात्रों और शिक्षकों ने कुलपति को हटाने की मांग की है और उन्हें न हटाए जाने पर शीतावकाश के बाद फिर आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है.
कुलपति प्रो. राजेश सिंह को गोरखपुर विश्वद्यिालय का कार्यभार संभाले हुए 15 महीने हो गए हैं. इस दौरान वे लगातार विवादों में हैं. उनके खिलाफ आक्रोश बढ़ता ही जा रहा है.