यूपी: क्या योगी आदित्यनाथ का लगातार पिछली सरकारों को कोसना जनता को फुसलाने का प्रयास है
The Wire
राज्य में साढ़े चार साल का कार्यकाल पूरा कर लेने के बाद दोबारा जनादेश पाने की आकांक्षा में योगी आदित्यनाथ का बात-बात पर पूर्ववर्ती सरकारों पर बरसना सर्वथा अवांछनीय है क्योंकि जनता उनके किए का फल उन्हें पहले ही दे चुकी है.
उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की योगी सरकार ने अपने साढे़ चार साल पूरे किए तो अपनी पुरानी आदत के मुताबिक अपने हाथों अपनी पीठ थपथपाने में कोई कोर कसर नहीं रखी. गोस्वामी तुलसीदास के शब्दों में इसे अपने मुंह से अपनी करनी का अनेक बार और बहुभांति वर्णन करना भी कह सकते हैं.
गत रविवार को लखनऊ स्थित ‘लोकभवन’ में संवाददाताओं और मीडियाकर्मियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी अदित्यनाथ ने पहले तो प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों को कोसते हुए अपनी सरकार की उपलब्धियों के एक से बढ़कर एक आंकड़े गिनाए. इस तरह कि जैसे किसी को भी मालूम न हो कि सरकारों द्वारा इस तरह के आंकड़े कैसी जादूगरी करके सृजित किए जाते हैं.
फिर दावा किया कि उन्होंने उन्हें विरासत में मिली बदअमनी तो खत्म कर ही दी है, विकास और अनुशासन की मिसाल बनाकर देश-दुनिया में प्रदेश की छवि पूरी तरह बदल दी है. इसके बाद भरपूर ‘दरियादिली’ दिखाते हुए उन्होंने इस सबका एकमुश्त श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की झोली में डाल दिया. यह कहते हुए कि उनके साथ के बगैर यह संभव नहीं था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उन्हें ‘रिटर्न गिफ्ट’ देने में कतई देर नहीं की. कह दिया कि योगी ने अपने साढ़े चार सालों में मुख्यमंत्री के रूप में रिफॉर्म के जरिये परफॉर्म करते हुए प्रदेश को ट्रांसफार्म कर दिया और बीमारू राज्यों की श्रेणी से बाहर निकाल लाए हैं.