यूपी: एस्मा की अवधि फिर बढ़ने से नाराज़ कर्मचारी संगठन, कहा- सरकार चाहती है कि हम आवाज़ न उठाएं
The Wire
उत्तर प्रदेश में बीते साल मई से एस्मा लागू है और इसी हफ़्ते तीसरी बार इसकी अवधि छह महीनों के लिए बढ़ाई गई है. महामारी के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर योगी सरकार से नाराज़ चल रहे कई कर्मचारी संगठनों ने इसे आपातकाल और लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला क़रार दिया है.
गोरखपुर: शिक्षकों और कर्मचारियों के आक्रोश के बीच योगी सरकार ने लगातार तीसरी बार हड़ताल पर रोक लगाने वाला कानून एस्मा (उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम- 1966) लागू कर दिया है. यह कानून अगले छह माह तक लागू रहेगा. इसके पहले भी दो बार इस कानून को लागू किया जा चुका है. शिक्षक और कर्मचारी संगठनों ने एस्मा लागू किए जाने का तीखा विरोध किया है और इसे आपातकाल बताया है. संगठनों ने कहा कि कोविड को देखते हुए किसी भी संगठन ने हड़ताल पर जाने की घोषणा नहीं की है फिर भी एस्मा लागू किया जाना हमारे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला है. सरकार चाहती है कि हम अपनी आवाज भी न उठाएं. प्रदेश सरकार ने 25 मई को एस्मा लागू किए जाने की अधिसूचना जारी की थी जो 27 मई को सार्वजनिक हुई. अपर मुख्य सचिव, नियुक्ति एवं कार्मिक, मुकुल सिंघल ने यह जानकारी देते हुये बताया कि उत्तर प्रदेश अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम- 1966 की धारा 3 की उपधारा 1 के अधीन शक्तियों का प्रयोग करके राज्यपाल ने छह महीने के लिए हड़ताल निषिद्ध कर दिया है. उन्होंने बताया कि किसी भी लोकसेवा, निगम और स्थानीय प्राधिकरण में कार्य करने वाले कर्मचारी छह माह तक हड़ताल नहीं कर सकेंगे.More Related News