यूपी : आखिर क्यों भड़क गए डिप्टी सीएम बृजेश पाठक, कहा- मरीजों को भगवान समझें डॉक्टर
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उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक शनिवार को स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जानने चांदौली पहुंचे. जिला अस्पताल में अव्यवस्था देखकर वो नाराज हो गए.
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार पार्ट-2 का गठन हुए तकरीबन एक महीने से ज्यादा का वक्त हो रहा है. इस बाबत उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री बृजेश पाठक स्वास्थ्य सेवाओं का हाल जानने शनिवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली के दौरे पर थे. जिला अस्पताल के दौरे पर पहुंचे डिप्टी सीएम ने जब अस्पताल की पेयजल व्यवस्था की जांच पड़ताल शुरू की तो पता चला कि मरीजों और उनके तीमारदारों को बिना आरओ प्लांट के वाटर सप्लाई की जा रही है.
इसके बाद डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने अस्पताल के कर्मचारियों को जमकर फटकार लगाई और तत्काल प्रभाव से आरओ प्लांट लगाने का निर्देश दिया. जिला अस्पताल में डिप्टी सीएम को कई खामियां मिली जिसको लेकर उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार भी लगाई.
अपने जनपद भ्रमण के दौरान डिप्टी सीएम ने न सिर्फ जिला अस्पताल का निरीक्षण किया, बल्कि सैयदराजा में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज का दौरा भी किया. डिप्टी सीएम ने एक गांव में चौपाल भी लगाई और सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों से बातचीत की.
स्टाफ को दिया निर्देश बृजेश पाठक ने कहा कि आज हमने जिला चिकित्सालय चंदौली का निरीक्षण किया है. यहां पर कई खामियां मिली हैं. उनको सुधारने के लिए हमने निर्देश दिए हैं.अपर सचिव अमित मोहन से भी हमने कहा है और यहां के दो मुख्य चिकित्सा अधीक्षक हैं उनसे भी कहा है कि मरीजों के हित के लिए जो शासन ने दवाइयां उपलब्ध कराई हैं, जो संसाधन उपलब्ध कराए हैं. उनको गरीबों के हित में जनता के हित में उपयोग करें और कुछ हमें मिलने पर हम बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेंगे और कार्रवाई करेंगे. परिसर का रखरखाव भी बेहतर होना चाहिए. इसलिए साफ सफाई का विशेष ध्यान रखिए.
मरीजों के परिजनों को शुद्ध पेयजल मिले उन्होंने कहा कि मरीजों के परिजनों को शुद्ध पेयजल मिलना चाहिए. स्ट्रेचर और व्हीलचेयर की इंतजाम होने चाहिए. मरीजों को बेवजह वेट न करना पड़े, रजिस्ट्रेशन काउंटर पर लंबी लाइन ना हो. डिप्टी सीएम ने कहा, अगर जरूरत पड़े तो कई काउंटर खोले जाएं. अस्पताल परिसर में मरीजों को भगवान मानकर सेवा करें. उनको महसूस होना चाहिए कि मरीजों को वह अपने घर में दवाई करने के लिए इलाज करने के लिए आए हैं. किसी भी परिस्थिति में मरीजों से और उनके परिजनों से दुर्व्यवहार बिल्कुल भी ठीक बात नहीं है.
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