
यूक्रेन से लड़ता रूस आर्थिक मोर्चे पर कितना मज़बूत, क्यों देश छोड़ रहे हैं लोग?
BBC
युद्ध के बाद से आम लोग बढ़ती महंगाई से परेशान हैं. 24 फरवरी के बाद से घर चलाने के खर्चे में 50 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस आर्थिक पतन को रोकने में कामयाब रहा है. फरवरी से शुरू हुए पश्चिमी देशों के लगाए प्रतिबंधों से रूस को काफी नुकसान हुआ है.
शुरुआती झटके ने रूस में शेयर बाजार को अस्थायी रूप से बंद करने के लिए मजबूर कर दिया था. अपने पैसे को लेकर चिंतित एटीएम के बाहर लोगों की लंबी लंबी लाइनें देखी गई थीं.
हालांकि रूस के केंद्रीय बैंक के प्रबंधन के चलते रूस की मुद्रा रूबल युद्ध से पहले के स्तर पर लौट आई है.
केंद्रीय बैंक ने विदेशों में पैसा भेजने की सीमा को सीमित कर दिया. इसके साथ ही बैंक ने निर्यात करने वाली फर्मों को भी मजबूर किया कि वे 80 प्रतिशत आय का पैसा डॉलर की बजाय रूबल में लें. इसके साथ ही रूस अपने विदेशी कर्जों में चूक से बचने में भी कामयाब रहा है.
राष्ट्रपति पुतिन ने जोर देकर कहा कि पश्चिम की तरफ से आर्थिक मोर्चे पर चोट पहुंचाने के लिए गए हमले विफल हो गए हैं.