यूक्रेन संकट: क्या यूक्रेन से अपने नागरिक निकालने में भारत ने कर दी देरी?
BBC
यूक्रेन में भारत के फ़िलहाल 20 हज़ार से अधिक नागरिक रहते हैं, जिनमें से अधिकतर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र हैं.
जैसे-जैसे रूस, यूक्रेन पर अपना शिकंजा कसता जा रहा है, वैसे-वैसे वहां फंसे हज़ारों भारतीय नागरिकों की चिंताएं भी बढ़ती जा रही हैं. शनिवार को रूस की सैन्य कार्रवाई के तीसरे दिन यूक्रेन के कई शहरों पर लगातार रूसी विमान बमबारी कर रहे हैं. राजधानी कीएव में फंसे भारतीय छात्रों का कहना है कि शहर में ख़ौफ़ और अफ़रा-तफ़री का माहौल है.
रूस के इस आक्रमण के बीच भारत अपने नागरिकों को यूक्रेन से बाहर निकालने की एक योजना पर अमल कर रहा है, जिसके तहत शुक्रवार को 470 भारतीय छात्रों का पहला जत्था यूक्रेन से बाहर निकलकर रोमानिया की सीमा पर पहुंच गया. हालांकि इन्हें अभी तक भारत नहीं लाया जा सका है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक़, उन छात्रों के रहने और खाने का इंतज़ाम सरकार ने किया है. कीएव में भारत के दूतावास की तरफ़ से बताया गया है कि भारतीय नागरिकों को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने की यह प्रक्रिया रोमानिया, हंगरी और पोलैंड के भारतीय दूतावासों के संयुक्त प्रयासों से पूरी की जा रही है.
यूक्रेन में अभी 20,000 से अधिक नागरिक रहते हैं, जिनमें से अधिकतर मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्र हैं.