यूक्रेन संकट: अमेरिका को छोड़ रूस के साथ क्यों खड़े हैं ये देश
BBC
अमेरिका के साथ नेटो में शामिल सभी 30 देश तो हैं और एशिया की अहम शक्ति जापान के अलावा ऑस्ट्रेलिया भी है. लेकिन रूस के साथ कौन-कौन से देश हैं?
दूसरे विश्व युद्ध के बाद और शीत युद्ध के दौरान दुनिया दो खेमों में बँट गई थी. एक का नेतृत्व अमेरिका कर रहा था और दूसरे का सोवियत संघ. दूसरे विश्व युद्ध के चार साल बाद नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइज़ेशन यानी नेटो 1949 में बना था.
इसे बनाने वाले अमेरिका, कनाडा और अन्य पश्चिमी देश थे. इसे इन्होंने सोवियत यूनियन से सुरक्षा के लिए बनाया था. तब दुनिया दो ध्रुवीय थी. एक महाशक्ति अमेरिका था और दूसरी सोवियत यूनियन. शुरुआत में नेटो के 12 सदस्य देश थे.
अभी नेटो के कुल 30 देश सदस्य हैं. नेटो ने बनने के बाद घोषणा की थी कि उत्तरी अमेरिका या यूरोप के इन देशों में से किसी एक पर हमला होता है तो उसे संगठन में शामिल सभी देश अपने ऊपर हमला मानेंगे. नेटो में शामिल हर देश एक दूसरे की मदद करेगा.
लेकिन दिसंबर 1991 में सोवियत संघ के पतन के बाद कई चीज़ें बदलीं. नेटो जिस मक़सद से बना था, उसकी एक बड़ी वजह सोवियत यूनियन बिखर चुका था. दुनिया एक ध्रुवीय हो चुकी थी. अमेरिका एकमात्र महाशक्ति बचा था. सोवियत यूनियन के बिखरने के बाद रूस बना और रूस आर्थिक रूप से टूट चुका था.