यूक्रेन की लड़ाई: क्या भारत पूरी दुनिया का पेट भर सकता है?
BBC
जानकारों की चिंता है कि यूक्रेन की लड़ाई के बाद भारत का उर्वरक भंडार कमज़ोर हो गया है. भारत डाई-अमोनियम फ़ॉस्फेट और नाइट्रोजन, फॉस्फेट, सल्फ़र और पोटाश जैसे उर्वरक का आयात करता है. इससे देश में अनाजों का उत्पादन प्रभावित हो सकता है.
बीते हफ़्ते भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को कहा कि यूक्रेन की लड़ाई की वजह से जो सप्लाई चेन प्रभावित हुआ है और चीज़ों की क़ीमतें बढ़ रही हैं, ऐसे में भारत दुनिया को भोजन सामग्री भेजने को तैयार है.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत के पास एक अरब 40 करोड़ लोगों के लिए ''पर्याप्त भोजन'' है और अगर वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन इजाज़त (WTO) दे तो वो ''कल से ही दुनिया को भोजन की आपूर्ति'' कर सकता है.
संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन के मुताबिक़, दुनियाभर में खेती से जुड़ी समस्याओं की वजह से यूक्रेन की लड़ाई से पहले ही चीज़ों की क़ीमतें 10 साल के सबसे ऊंचे स्तर पर थीं.
लेकिन लड़ाई शुरू होने के बाद वो और ज़्यादा बढ़ गई है और 1990 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है.