यूक्रेन की लड़ाई का विरोध किया तो रूस में ख़तरे में पड़ सकती है नौकरी
BBC
बीबीसी ने इस रिपोर्ट में तीन ऐसे लोगों से बात की है, जिन्हें यूक्रेन के साथ युद्ध का विरोध करने के चलते अपने रोज़गार से हाथ धोना पड़ा.
रूस में भूगोल पढ़ाने वाले 28 साल के कामरान मनाफ़ली की मुश्किलों की शुरुआत सोशल मीडिया साइट इंस्टाग्राम पर डाले गए उनके एक पोस्ट से हुई.
उन्होंने लिखा था, "मैं सरकार के प्रोपेगैंडा का प्रतिबिंब नहीं बनना चाहता. मेरी अपनी राय है! ऐसा बहुत सारे शिक्षक करते हैं. और आप जानते हैं कि मेरी राय सरकार की राय से मेल नहीं खाती."
उन्होंने यह पोस्ट तब लिखी, जब सेंट्रल मॉस्को के उनके स्कूल में स्टाफ़ मीटिंग के दौरान उनसे और उनके साथियों से कहा गया कि यूक्रेन के बारे में उन्हें अपने स्टूडेंट्स से किस तरह से बात करनी है. उन्हें सरकार के रुख़ से अलग नहीं जाना है.
इस बात ने उन्हें इंस्टाग्राम पर यह पोस्ट लिखने को मजबूर कर दिया था. हालांकि पोस्ट डालने के क़रीब दो घंटे बाद उन्हें उनके स्कूल के हेड टीचर का फोन आया कि वो उस पोस्ट को तुरंत वहां से हटा लें या अपनी नौकरी छोड़ दें.
मनाफ़ली ने बीबीसी को बताया, "मैं उस पोस्ट को हटाना नहीं चाहता था. मैं यह भी जानता था कि इस पर बहस करने का कोई मतलब नहीं है. इसलिए सोचा कि इस्तीफ़ा दे देना ही सबसे अच्छा रहेगा."