यूकेन युद्धः वो तीन हालात जो नेटो को युद्ध में खींच सकते हैं
BBC
पश्चिमी देशों ने यूक्रेन को मदद तो दी है लेकिन लड़ाई को यूरोप तक पहुंचने से रोकने की हर संभव कोशिश की है.
ब्रसेल्स में बीते सप्ताह नेटो रक्षा मंत्रियों की बैठक हुई. ये तय किया जा रहा है कि यूक्रेन को सैन्य मदद देने में नेटो किस हद तक जाएगा.
रूस-यू्क्रेन युद्ध में नेटो के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही रही है कि वो रूस के ख़िलाफ़ संघर्ष में शामिल हुए बिना कैसे अपने सहयोगी यूक्रेन को हथियारों की पर्याप्त आपूर्ति कर पाए ताकि वो रूस के ख़िलाफ़ लड़ सके और अपनी सुरक्षा कर सके.
इस दौरान यूक्रेन की सरकार खुलकर नेटो से सैन्य मदद मांगती रही है.
यूक्रेन का कहना है कि अपने पूर्वी डोनबास क्षेत्र में रूस का आक्रमण रोकने के लिए उसे तुरंत पश्चिमी देशों के हथियारों की ज़रूरत है. यूक्रेन ने कहा है कि उसे तुरंत जेवलिन एनएलएडब्ल्यू (नेक्स्ट जेनरेशन एंटी टैंक वेपन यानी अगली पीढ़ी के टैंक रोधी हथियार), स्टिंगर और स्टारस्ट्रीक एंटी टैंक और एंटी एयरक्राफ्ट मिसाइलों की ज़रूरत है. यूक्रेन की सेनाएं पहले से ही पश्चिमी देशों में बने इन हथियारों का इस्तेमाल कर रही हैं.
यूक्रेन को अब तक ये हथियार तो मिलते रहे हैं, लेकिन उसे अब और अधिक हथियार चाहिए.