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युवा डॉक्टरों का सत्ता के खेल में फुटबॉल की तरह इस्तेमाल न करे: सुप्रीम कोर्ट
The Wire
शीर्ष अदालत उन 41 स्नातकोत्तर डॉक्टरों की याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने ‘राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा- अति विशिष्टता’ की अधिसूचना जारी होने के बाद पाठ्यक्रम में अंतिम समय में किए गए बदलाव को चुनौती दी थी. अदालत ने कहा कि वह इन युवा डॉक्टरों को कुछ असंवेदनशील नौकरशाहों के हाथों में खेलने की अनुमति नहीं देगा.
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को कहा कि युवा डॉक्टरों का सत्ता के खेल में फुटबॉल की तरह इस्तेमाल न करे. न्यायालय ने केंद्र को चेतावनी देते हुए कि अगर वह राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा- अति विशिष्टता (NEET-SS) 2021 के पाठ्यक्रम में अंतिम समय में किए गए बदलाव के औचित्य से संतुष्ट नहीं हुआ तो वह प्रतिकूल टिप्पणियां करेगा.
उच्चतम न्यायालय ने कहा कि वह इन युवा डॉक्टरों को कुछ असंवेदनशील नौकरशाहों के हाथों में खेलने की अनुमति नहीं देगा और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू), राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) और राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (एनबीई) से कहा कि वह अपना घर दुरुस्त करें.
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ ने केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी को एक सप्ताह के भीतर अन्य दो अधिकारियों के साथ बैठक करने को कहा.
पीठ ने कहा, ‘आप बेहतर कारण बताइए क्योंकि यदि हम संतुष्ट नहीं हुए तो आपके बारे में प्रतिकूल टिप्पणियां पारित करेंगे.’