यदि चुनाव कराए जाएं तो दिक्कत नहीं, रैलियों का आयोजन ख़तरनाक, ये बंद होनी चाहिए: एसवाई क़ुरैशी
The Wire
पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एसवाई क़ुरैशी ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा कि दिन में रैली और रात में कर्फ्यू का कोई मतलब नहीं होता है. इससे संक्रमण नहीं रुकने वाला है. सरकार को चाहिए वह इन रैलियों पर रोक लगाए. चुनावों की घोषणा के बाद निर्वाचन आयोग को पहला काम इन रैलियों पर प्रतिबंध लगाने का करना चाहिए.
कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच निर्वाचन आयोग पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराने की जोर-शोर से तैयारियों में जुटा है. आप इसे कितना तर्कसंगत मानते हैं?
महामारी के दौरान कई मुल्कों में चुनाव हुए हैं. अपने यहां भी बिहार से लेकर बंगाल और केरल से लेकर तमिलनाडु तक कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव हो चुके हैं. कोविड-19 संबंधी दिशा-निर्देशों के मुताबिक यदि चुनाव कराए जाएं तो कोई दिक्कत नहीं है. रैलियों का आयोजन खतरनाक है, ये बंद होनी चाहिए.
दिन में नेता बड़ी-बड़ी रैलियां कर रहे हैं और रात में सरकारें कर्फ्यू लगा रही हैं. ऐसे में संक्रमण का फैलाव कैसे रुकेगा?
सही बात है. दिन में रैली और रात में कर्फ्यू का कोई मतलब नहीं होता है. इससे तो कोई समाधान निकलने वाला नहीं है. इससे संक्रमण थोड़े ही रुकने वाला है.