
म्यांमार से आए शरणार्थियों के लिए 'भोजन-रिफ़्यूजी कैंप की मनाही' वाला मणिपुर सरकार का आदेश वापस
BBC
मणिपुर सरकार ने अपना वह आदेश वापस ले लिया है जिसमें जिला प्रशासन को म्यांमार से आने वाले शरणार्थियों को भोजन और रहने का इंतज़ाम करने से मना किया गया था.
मणिपुर सरकार ने अपना वह आदेश वापस ले लिया है जिसमें जिला प्रशासन को म्यांमार से आने वाले शरणार्थियों को भोजन और रहने का इंतज़ाम करने से मना किया गया था. दरअसल मणिपुर सरकार के गृह विभाग में तैनात विशेष सचिव एच ज्ञान प्रकाश ने 26 मार्च को चांदेल, टेंगनौपाल, कामजोंग, उखरुल और चुराचांदपुर जिले के उपायुक्तों (जिलाधिकारियों) को एक आदेश जारी किया था. इसमें म्यांमार के नागरिकों के अवैध प्रवेश को रोकने के लिए मुख्य तौर पर पाँच निर्देश दिए गए थे. गृह विभाग ने इस निर्देश में जिला प्रशासन को म्यांमार से आने वाले शरणार्थियों को भोजन और आश्रय प्रदान करने के लिए कोई रिफ़्यूजी कैंप नहीं खोलने की बात कही थी. इसके साथ ही सिविल सोसायटी संगठनों को भी आश्रय और भोजन प्रदान करने के लिए किसी भी तरह के शिविर खोलने की अनुमति नहीं देने का निर्देश दिया गया था. सरकार ने प्रशासन को निर्देश दिया था कि जो लोग शरण लेने और प्रवेश करने का प्रयास करेंगे उन्हें विनम्रता से दूर किया जाए. हालाँकि इस निर्देश में मणिपुर सरकार ने गंभीर चोटों के मामले में मानवीय आधार पर चिकित्सा प्रदान करने की बात ज़रूर कही थी. मणिपुर सरकार का यह आदेश उस वक्त आया था जब म्यांमार में सुरक्षाबलों और प्रदर्शनकारियों के बीच बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी. इसमें देश भर में 100 से अधिक लोग मारे गए थे. गृह विभाग द्वारा 26 मार्च को जारी किए गए इस आदेश की कई लोग आलोचना कर रहे हैं जबकि सोशल मीडिया पर भी मणिपुर सरकार को लोगों की नाराज़गी का सामना करना पड़ रहा है.More Related News