मोसाद की साजिश, गेस्ट हाउस में धमाका और हमास चीफ की मौत... जानें इस्माइल हानिया की मौत का पूरा सच!
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31 जुलाई को हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया की नॉर्थ तेहरान के बेहद सुरक्षित घर में बम धमाके में मौत हो गई. हानिया की मौत के बाद शुरुआती ख़बर यही थी कि हानिया की मौत किसी मिसाइल स्ट्राइक में हुई है. लेकिन हानिया की मौत का जो सच अब सामने आया है, वो बेहद चौंकाने वाला है.
Hamas Chief Ismail Haniyeh Death Inside Story: वो 20 मई 2024 का दिन था. उस दिन ईस्ट अजरबैज़ान के पहाड़ी इलाके में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और ईरान के विदेश मंत्री समेत कुल आठ लोग एक हेलीकॉप्टर क्रैश में मारे गए थे. इस हादसे से ठीक एक महीने पहले अप्रैल में ईरान इज़रायल पर ड्रोन से हमला करता है. यहीं से सवाल उठता है कि क्या ईरानी राष्ट्रपति का चॉपर ख़राब मौसम का शिकार हुआ था या फिर हादसे के पीछे कोई साज़िश थी? इस सवाल का जवाब पिछले दो महीने से नहीं मिला है. लेकिन इसी दो महीने के दौरान बेहद ख़ामोशी से एक और साज़िश रची जा रही थी. साज़िश हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया के क़त्ल की.
हानिया की मौत का चौंकाने वाला सच 31 जुलाई को हमास के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया की नॉर्थ तेहरान के एक बेहद सुरक्षित घर में बम धमाके में मौत हो गई. हानिया की मौत के बाद शुरुआती ख़बर यही थी कि हानिया की मौत किसी मिसाइल स्ट्राइक में हुई है. और ये मिसाइल किसी ड्रोन या प्लेन से छोड़ा गया. लेकिन हानिया की मौत का जो सच अब सामने आया है, वो बेहद चौंकाने वाला है. मिसाइल या ड्रोन नहीं, बम धमाके से हुई हानिया की मौत हानिया की मौत किसी मिसाइल या ड्रोन हमले से नहीं हुई थी. बल्कि उनकी मौत एक बम धमाके में हुई है. एक ऐसा बम, जो पहले से ही उस कमरे में रख दिया गया था, जिस कमरे में हानिया ठहरे थे. और इससे भी सनसनीख़ेज़ ख़ुलासा ये बम उस कमरे में छह से आठ हफ़्ते पहले रखा गया था. यानी ये बम जिस घर में हानिया रुके थे उस घर में तब रखा गया था, जब बीस मई को ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो चुकी थी. यानी बम 20 मई के बाद ही रखा गया. पर ऐसा क्यों हुआ?
हानिया के कत्ल की साज़िश का पूरा खुलासा तो पेश है हानिया की मौत की साज़िश का पूरा ख़ुलासा. ईरान की राजधानी तेहरान के उत्तरी इलाके में एक बेहद ख़ास जगह है. इस जगह का नाम है निशात. निशात, यानी जॉयफुल, ख़ुशगवार. इस निशात के अंदर एक बड़ा सा कंपाउंड है. और ये पूरा कंपाउंड का एरिया तेहरान के सबसे सुरक्षित इलाके में से एक माना जाता है. इस कंपाउंड की सुरक्षा की जिम्मेदारी इस्लामिक रेवॉल्यूशनरी गार्ड यानी ईरान की सबसे बेहतरीन फ़ोर्स के हवाले है. इस कंपाउंड में कई गेस्ट हाउस हैं.
निशात के कंपाउंड में खास गेस्ट हाउस कहते हैं कि निशात के इस कंपाउंड के अंदर ही तमाम सीक्रेट मीटिंग्स हुआ करती हैं. और तेहरान आने वाले ईरान के ख़ास मेहमानों को इसी कंपाउंड के अलग-अलग गेस्ट हाउस में ठहराया जाता है. ईरान और हमास के रिश्ते जग ज़ाहिर हैं. और ये बात भी दुनिया जानती है कि इज़रायल पर हमले को लेकर ईरान ने हमेशा हमास का साथ दिया है. उसी हमास के पॉलिटिकल विंग के हेड इस्माइल हानिया अक्सर बातचीत के लिए तेहरान का दौरा करते रहे थे.
हानिया की सबसे बड़ी और आखिरी गलती सबसे अहम बात ये कि हानिया जब भी तेहरान आते, उन्हें निशात के इसी सबसे सुरक्षित कंपाउंड में मौजूद एक गेस्ट हाउस में ठहराया जाता. हानिया जितनी बार भी तेहरान पहुंचे, वो उसी एक गेस्टहाउस के एक खास कमरे में रुका करते थे. क़तर के बाहर हर रोज़ कई-कई बार अपना लोकेशन बदलने वाले हानिया से बस यहीं गलती हो गई. या यूं कहें कि इस जगह और इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड की ज़बरदस्त सुरक्षा घेरे को देखते हुए वो बेफिक्र हो गए थे. और इसी बेफिक्री का फायदा दुश्मनों ने उठाया.
इजरायल जानता था हानिया का ठिकाना चूंकि इज़रायल जानता था कि हानिया अक्सर तेहरान जाया करते हैं. हालांकि इज़रायल को ये भी पता था कि हानिया का परमानेंट ठिकाना पिछले सात सालों से क़तर की राजधानी दोहा है. इज़रायल या इज़रायली खुफ़िया एजेंसी मोसाद हानिया को कतर में भी अपना निशाना बना सकती थी. लेकिन यहां एक दिक्कत थी.
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