मोदी सरकार 2.0 का दूसरा साल पूरा, लोकसभा को अभी तक नहीं मिला डिप्टी स्पीकर
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के कार्यकाल के दूसरा साल पूरा होने जा रहा है. इसके बावजूद अभी तक लोकसभा उपाध्यक्ष यानी डिप्टी स्पीकर का चुनाव नहीं हो सका है. यह अब के इतिहास में सबसे लंबी अवधि है, जिसमें यह पद रिक्त है जबकि कांग्रेस लगातार उपाध्यक्ष के चुनाव की मांग कर रही है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार 30 मई को अपने लगातार दूसरे कार्यकाल के दूसरा साल पूरा करने जा रही है. इसके बावजूद लोकसभा उपाध्यक्ष यानी डिप्टी स्पीकर का चुनाव नहीं हो सका है. यह अब के इतिहास में सबसे लंबी अवधि है, जिसमें यह पद रिक्त है. इससे पहले मार्च 1998 में जब अटल बिहारी वाजपेयी दूसरी बार पीएम बने, तो डिप्टी स्पीकर का पद तय करने में लगभग नौ महीने लग गए थे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि मोदी सरकार के दो साल पूरे होने के बाद क्या लोकसभा को डिप्टी स्पीकर मिल सकेगा? हालांकि, लोकसभा उपाध्यक्ष का चुनाव न होने की स्थिति में लोकसभा सदन के कामकाज पर कोई खास असर नहीं पड़ रहा है, क्योंकि अध्यक्ष की अनुपस्थिति में उनके द्वारा नामित पीठासीन अध्यक्ष मंडल के सदस्य सदन की कार्यवाही संचालित करते ही हैं. वहीं, लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को पिछले साल ही पत्र लिखकर लोकसभा सदन का उपाध्यक्ष चुनने का आग्रह किया था.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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