
मोदी सरकार पेगासस जासूसी के दुष्प्रभावों को कब तक नज़रअंदाज़ कर सकती है?
The Wire
पत्रकारिता संस्थान अपने संसाधनों के चलते सीमित होते है, इसलिए राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर केवल वास्तविक जांच से ही पेगासस के उपयोग की सही स्तर का पता चलेगा.
नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने पेगासस मामले पर केंद्र सरकार को घेरने के लिए एकता दिखाई है, लेकिन भाजपा अभी भी शुतुरमुर्ग की तरह रेत में सिर छुपाए हुए है. पार्टी ये दलील दे रही है कि पेगासस स्पायवेयर मामला ‘फर्जी’ है. ऐसा तब हो रहा है जब दुनिया के तमाम जिम्मेदार लोकतांत्रिक देश इजरायल और पेगासस के उत्पादनकर्ता एनएसओ ग्रुप पर दबाव बनाते हुए वैश्विक खुलासे पर उनका जवाब मांग रहे हैं. यहां तक कि खुद इजरायल ने भी हाल ही में एनएसओ के को दौरा किया था. नरेंद्र मोदी सरकार अब वैश्विक लोकतंत्रों के बीच पूरी तरह से अलग-थलग दिख रही है, क्योंकि उसने पेगासस के चलते मानवाधिकारों और लोकतंत्र पर हमले की चिंता को लेकर एक भी मामला नहीं उठाया है.More Related News