
मोदी की लोकप्रियता कम हुई, पर विपक्ष भी बढ़ता नहीं दिख रहा:शिवसेना
The Quint
Shiv Sena: Shiv Sena mouthpiece Saamana takes a swipe at high-profile Rashtra Manch meeting at NCP chief’s residence
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) प्रमुख शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास पर मंगलवार को हुई राष्ट्र मंच (Rashtra Manch) की बैठक को लेकर शिवसेना की प्रतिक्रिया सामने आई है. महाराष्ट्र में NCP और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना के मुखपत्र 'सामना' में इस बैठक को लेकर संपादकीय छपा है.संपादकीय में लिखा गया है, ''बैठक से पहले यह राष्ट्र मंच जितना चर्चित हुआ, उतना उस बैठक से कुछ हासिल नहीं हुआ.'' बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के उपाध्यक्ष यशवंत सिन्हा ने अन्य नेताओं के साथ राष्ट्र मंच की स्थापना की थी.ADVERTISEMENTसामना ने लिखा है,''देश में कई ज्वलंत समस्याएं हैं, लेकिन उनके समाधान के लिए कोई विजन सरकार के पास नहीं है. सरकार को वह विजन आदि देने का काम राष्ट्र मंच करेगा, ऐसा कहा गया.''''देश के सामने आज समस्याओं का पहाड़ है और यह मौजूदा सरकार की देन है, यह भी सच्चाई है. लेकिन वैकल्पिक नेतृत्व का विचार क्या है? ये कोई नहीं बता सकता. विपक्षी दलों को एकजुट होना चाहिए. यही संसदीय लोकतंत्र की जरूरत है. लेकिन बीते 7 वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष का अस्तित्व बिल्कुल भी नजर नहीं आता है.''''पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, तमिलनाडु में स्टालिन, बिहार में संघर्ष करके बीजेपी-नीतीश कुमार की नाक में दम करने वाले तेजस्वी यादव, तेलंगाना में चंद्रशेखर राव, आंध्र में चंद्रबाबू, जगनमोहन, केरल में वामपंथी और मुख्यत: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे, शरद पवार और कांग्रेस ने एक साथ आकर जिस तरह से बीजेपी को रोका, वही वास्तव में विरोधी दलों का असली विचार मंथन है. लेकिन मंगलवार के दिल्ली के मंथन में इनमें से एक भी पार्टी या नेता उपस्थित नहीं था. कांग्रेस पार्टी ने ‘राष्ट्र मंच’ को महत्व नहीं दिया. असल में मंगलवार को शरद पवार ने विपक्ष को जो चाय-पान कराया, वैसा समारोह दिल्ली में राहुल गांधी शुरू करें तो मरणासन्न विपक्ष के चेहरे पर ताजगी का भाव दिखने लगेगा.''ADVERTISEMENTशिवसेना के मुखपत्र में लिखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की लोकप्रियता पहले जैसी नहीं रही है, उसमें गिरावट आई है, लेकिन उस गिरावट वाली जगह पर फिलहाल विपक्ष बढ़ रहा हो, फल-फूल रहा हो, ऐसा नजर नहीं आता.सामना के संपादकीय में लिखा गया...More Related News