मोदी का मिशन गुजरात: 15 फीसदी आदिवासी वोटों की सियासी ताकत, जिन्हें साधने उतर रहे पीएम मोदी
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गुजरात विधानसभा चुनाव होने में छह महीने बाकी हैं, लेकिन अभी से ही सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. कांग्रेस गुजरात में अपने सत्ता के वनवास को खत्म करने के लिए जद्दोजहद कर रही है तो बीजेपी 27 साल से जीत के सिलसिले को बरकरार रखने की कवायद में है. ऐसे में बीजेपी की नजर इस बार आदिवसी समुदाय के वोटबैंक पर है, जो कांग्रेस को कोर वोटर माना जाता है. पीएम मोदी दाहोद रैली के जरिए आदिवासी वोटों का साधते नजर आएंगे.
गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर अभी से सियासी बिसात बिछाई जाने लगी है. सूबे में बीजेपी 27 साल से लगातार अपनी जीत के सिलसिले को बरकरार रखने की कवायद में है और इस बार 150 सीटें जीतने का टारगेट तय किया है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए बीजेपी की नजर इस बार पाटीदार के साथ-साथ आदिवासी वोटों पर है.
15 फीसदी आदिवासी समाज को कांग्रेस का परंपरागत वोटर माना जाता है, जिन्हें साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दाहोद में उतर रहे हैं. मोदी विकास की सौगात देने के साथ-साथ आदिवासी महासम्मेलन के जरिए बड़ा सियासी संदेश देने का प्लान है.
पीएम मोदी आदिवासी समाज को देंगे सौगात
पीएम मोदी अपने गृह राज्य गुजरात दौर पर हैं और बुधवार को दाहोद में करीब 22000 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे. इस प्रोजेक्ट के जरिए दस हजार लोगों को रोजगार मिलेगा. आदिवासी महासम्मेलन में दो लाख से अधिक लोगों के भाग लेने की उम्मीद है, जिसे पीएम मोदी संबोधित करेंगे.
2022 गुजरात चुनाव के लिहाज से यह रैली बीजेपी के लिए काफी अहम और महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि पीएम मोदी यहां से आदिवासी वोटों के लिए सियासी एजेंडा सेट करेंगे? इसीलिए आदिवासी महासम्मेलन में शामिल होने के लिए दाहोद, पंचमहाल, छोटा उदेपुर और महीसागर जिले का गांवों में घर-घर न्योता दिया गया है.
15 फीसदी आदिवासी का 27 सीटों पर असर
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